संगरूर में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की रैली के दौरान विरोध प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों का मुंह बंद करती पुलिस
संगरूर में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की रैली के दौरान प्रदर्शन कर रहे बीएड, टीईडी शिक्षकों को पुलिस ने घसीट कर हटाया। सरकार के खिलाफ उठ रही आवाजों को दबाने के लिए प्रदर्शनकारियों के मुंह में कपड़ा ठूंसा गया। महिला प्रदर्शनकारियों के साथ हुआ दुर्व्यव्यवहार।
कांग्रेस पार्टी अभिव्यक्ति की आजादी की बात करती है, लेकिन मौका मिलते ही विरोधियों की आवाज को किस तरह दबाती है इसका ताजा उदाहरण हैं पंजाब के मौजूदा हालात। पंजाब के संगरूर में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी की बड़ी रैली से पहले यहां के शिक्षकों ने मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का भारी विरोध किया। चन्नी की रैली में विरोध-प्रदर्शन करने वाले बेरोजगार बीएड टीईटी शिक्षकों को पुलिस ने घसीट-घसीटकर वहां से हटाया। मीडियाकर्मियों के सामने ही मुख्यमंत्री की रैली में पुलिस ने शिक्षकों के खिलाफ हिंसक कार्रवाई की।
बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई उन शिक्षकों पर की गई, जिन्हें नौकरी नहीं मिली। वे विरोध करने के लिए रैैैली स्थल पर एकत्र हुए थे। चन्नी की रैली में पुलिस को महिलाओं व पुरुषों को घसीटते-पीटते और जीपों में लादते हुए देखा गया। पुलिसकर्मी को एक प्रदर्शनकारी को चोकहोल्ड में पकड़ते हुए देखा गया, जो उसे सरकार की निंदा करने से रोकने के लिए उसका मुंह बंद करने की कोशिश कर रहा था। वहीं, कुछ अन्य लोगों ने भी पुलिस को प्रदर्शनकारियों को पकड़ने और एक ट्रक में ले जाने में मदद की। पुलिसिया कार्रवाई के ऐसे दृश्य देखकर कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के महिला केंद्रित ‘लड़क़ी हूं, लड़ सकती हूं’ अभियान पर सवाल उठने लगे हैं, जिसे उन्होंने उत्तर प्रदेश में शुरू किया था। उनकी ही पार्टी के शासित राज्य में लड़कियों पर पुलिस की जोर-जबरदस्ती के आरोप लग रहे हैं। घटनास्थल से विचलित करने वाले दृश्यों में पुलिस को नारे लगाने वाले शिक्षकों को रोकने की कोशिश करते हुए देखा जा सकता है। जहां मुख्यमंत्री और पंजाब सरकार की निंदा करने वाले नारे लगे तो पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को पकड़कर मुंह में कपड़ा ठूंस दिया।
पुलिस ने कार्यक्रम स्थल पर कई महिला प्रदर्शनकारियों को भी दबोच लिया। वे प्रदर्शनकारी कांग्रेस सरकार के खिलाफ नारे लगा रही थीं। उसी दौरान एक अधिकारी को एक महिला प्रदर्शनकारी को उसके कपड़ों से घसीटते हुए देखा गया। इसके बाद महिला को कई अन्य प्रदर्शनकारियों के साथ पुलिस बस के अंदर देखा गया। एक पुलिसवाले ने उसे वापस अंदर खींचने और खिडक़ी बंद करने की कोशिश की, लेकिन वह लगातार नारे लगाती रही। इसके बाद बस वहां से चली गई। उधर, रैली का विरोध कर रहे लोगों को मुख्यमंत्री के समर्थकों ने घेर लिया। कुछ से तो मारपीट भी की गई। इंटरनेट पर सामने आई एक वीडियो क्लिप में, तीन पुलिसकर्मियों को एक आदमी को जमीन पर गिराने की कोशिश करते और उसे दूर ले जाने से पहले उसकी छाती को घुटने से दबाते देखा जा सकता है।
केजरीवाल की लंबी जुबान
इधर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चरणजीत सिंह चन्नी को लेकर जो बयान दिया है, उससे राजनीति गरमा गई है। उन्होंने गुरुवार को मुक्तसर में एक रैली को संबोधित करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री के बारे में कहा कि वे लोगों से बाथरूम में भी मिल लेते हैं। उन्होंने कहा, ”मैं टीवी में चन्नी साहब का साक्षात्कार सुन रहा था। इसमें वे कहते हैं कि मैं 24 घंटे जनता से मिलता रहता हूं। मेरे ड्राइंग रूम, बरामदे में लोग बैठे रहते हैं, बाथरूम में जाता हूं वहां मेरे साथ लोग आते हैं और मैं वहां भी लोगों से मिलता रहता हूं। उन्होंने चन्नी के इस बयान पर तंज कसते हुए कहा कि दुनिया के इतिहास में पहला मुख्यमंत्री होगा जो बाथरूम में भी लोगों से मिलता रहता है।