Saturday, November 23, 2024

राज्य

अयोध्या की सड़कों की सूरत, योगी सरकार ने श्रीराम जन्मभूमि कॉरिडोर के लिए जारी की पहली किश्त

अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य जारी है। खबर के मुताबिक 2023 के आखिर तक राम मंदिर आम लोगों के दर्शन के लिए खोला जा सकता है। हालांकि, राम मंदिर के साथ-साथ अयोध्या के विकास के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लगातार प्रतिबद्धता दिखा जा रही है। यही कारण है कि श्री राम जन्मभूमि कॉरिडोर के विकास के लिए आज योगी सरकार ने 107 करोड रुपए की पहली किस्त जारी कर दी है। इस योजना के तहत कुल 9 अरब रुपए का बजट रखा गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर की ओर जाने वाली सड़कों के चौड़ीकरण और नवीनीकरण के लिए 107 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी की।
यूपी सरकार की ओर से परियोजना के लिए 9 अरब रुपये मंजूर किए हैं। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने अयोध्या के विकास के लिए 3 सड़कों के जीर्णोद्धार और 6 पार्किंग स्थलों का निर्माण करने का निर्देश दिया था। विकास प्राधिकरण के द्वारा पार्किंग स्थल का निर्माण शुरू हो गया है। तीनों सड़कों पर लगभग 30-32 करोड़ रुपए खर्च होंगे। उन्होंने कहा कि सीएम ने विजन प्लान के अनुसार अयोध्या के विकास के लिए 3 सड़कों के जीर्णोद्धार और 6 पार्किंग स्थल स्थापित करने के निर्देश दिए थे। पार्किंग स्थल का निर्माण शुरू होने के साथ ही जल निकासी, प्रकाश व्यवस्था, केबल और फुटपाथ प्रणाली के साथ सड़कें भी आधुनिक होंगी।
अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि राम जन्मभूमि की ओर जाने वाली सड़क को 700 मीटर चौड़ा किया जाएगा। इसके लिए 62 करोड़ रुपये मंजूर… तीनों सड़कों को मंजूरी दे दी गई है। लोक निर्माण विभाग करेगा कार्य को जल्द शुरू किया जाएगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, अयोध्या के महासचिव चम्पत राय ने कहा कि जन मानस दिसंबर, 2023 से श्रीरामलला के भव्य मंदिर का दर्शन कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि मंदिर में शानदार नक्काशी करायी गयी है और उत्तर भारत में ऐसा विशाल भव्य मंदिर और कहीं नहीं होगा। उन्होंने कार्य प्रगति की जानकारी देते हुए मंदिर निर्माण की तकनीकी जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण का कार्य बहुत अच्छी गति से आगे बढ़ रहा है और ऐसे में दिसम्बर 2023 तक मंदिर दर्शन करने योग्य हो जाएगा। उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण में लोहे का उपयोग नहीं हो रहा है और कांक्रीट के ऊपर पत्थर लगाए जा रहे हैं।