लोकसभा चुनाव में उतरने से पहले अखिलेश ने शुरू की किलेबंदी, सपा को नए सिरे से मजबूत करने को बनाई रणनीति
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद अब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव नए सिरे से पार्टी को मजबूत करने में जुट गए हैं। वर्ष 2024 के सियासी रण (Lok Sabha elections 2024) में उतरने से पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (SP President Akhilesh Yadav) इन दिनों अपनी सेना मजबूत करने में जुटे हुए हैं। इसकी शुरुआत सदस्यता अभियान (SP Membership Campaign) से की है। बूथ स्तर तक पार्टी की किलेबंदी के लिए सदस्यता अभियान की निगरानी अखिलेश खुद कर रहे हैं।
वर्ष 2017, 2019 व 2022 के चुनाव लगातार हारने के बाद अब सपा अध्यक्ष अखिलेश को यह समझ में आ गया है कि जब तक सेना मजबूत नहीं होगी तब तक कोई रण जीता नहीं जा सकता है। पहले सदस्यता अभियान संगठन के भरोसे रहता था, किंतु इस बार अखिलेश ने खुद इसकी कमान संभाली है।
उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेताओं को अभियान की निगरानी के लिए जिला प्रभारी बना दिया है। इनमें पूर्व सांसद, विधायक, पूर्व मंत्री व संगठन के बड़े पदाधिकारी शामिल हैं। जिले में इनकी देखरेख में ही सदस्यता अभियान चलेगा। सदस्यता अभियान में इस बार 50 साधारण सदस्य बनाने के बाद बुकलेट जमा करने वाले को ही सक्रिय सदस्य बनाया जाएगा।
पिछले वर्षों में ज्यादातर नेता अपने पास से पैसा जमा कर सक्रिय सदस्य बन जाते थे। अखिलेश ने इस प्रवृत्ति को कड़ाई से रोकने के प्रबंध किए हैं। प्रत्येक बूथ पर करीब 1200 मतदाता होते हैं, ऐसे में सपा अध्यक्ष ने हर एक बूथ पर अधिक से अधिक सपा सदस्य बनाने के लिए रणनीति बनाई है।
इस साल के अंत में नगरीय निकाय चुनाव होने हैं ऐसे में चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं को भी सदस्यता अभियान में लगाने की तैयारी है। इनके जरिये सपा अपने बूथ मजबूत करेगी। लोकसभा चुनाव में भी पार्टी उन वरिष्ठ नेताओं को तवज्जो देगी जो सदस्यता अभियान में बड़ी भूमिका निभाएंगे। सपा ऐसे नेताओं को टिकट में भी वरीयता दे सकती है।