
चंडीगढ़। पंजाब की भगवंत मान सरकार आज या कल राज्य में 300 यूनिट बिजली फ्री देने को लेकर बड़ा ऐलान कर सकती है। सीएम भगवंत मान आज शाम आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलेंगे।
दूसरी ओर पंजाब कांग्रेस के नए प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने राज्य के मुख्य सचिव व अन्य अधिकारियोंं की केजरीवाल के साथ बैठक पर सवाल उठाए हैं। बताया जाता है कि इन अधिकारियों ने दिल्ली में लागू फ्री बिजली योजना के बारे में जानकारी लेने के लिए केजरीवाल और दिल्लीीके मंत्री सत्येंद्र जैन से मुलाकात की थी।
वड़िंग ने पंजाब के मुख्य सचिव की सीएम भगवंत मान की गैरहाजरी में केजरीवाल से मुलाकात पर उठाए सवाल
राजा वड़िंग ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान और बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ की गैर हाजरी में पंजाब के मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवारी, बिजली विभाग के सचिव दलीप कुमार,पावरकॉम के सीएमडी बलदेव सिंह सरा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और वहां मंत्री सत्येंद्र जैन, राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा के बैठक की। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री भगवंत मान आज शाम अरविंद केजरीवाल से मिल सकते हैं।
केजरीवाल से आज शाम मिलेंगे भगवंत मान
दूसरी ओर, मुख्यमंत्री भगवंत मान आज शाम आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल से मुलाकात करेंगे। इस बात की संभावना जताई जा रही है कि भगवंत मान सरकार 300 यूनिट बिजली निशुल्क करने पर कोई ऐलान कर सकती है। चूंकि जून महीने में बजट आना है और कल 13 अप्रैल को कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है ऐसे में यह मुलाकात और भी महत्वपूर्ण हो सकती है।
राजा वड़िंग ने एक ट्वीट के जरिए पूछा है कि आखिर मुख्यमंत्री और बिजली मंत्री की गैरहाजरी में दिल्ली के मुख्यमंत्री ने पंजाब के अधिकारियों के साथ बैठक क्यों की। काबिले गौर है कि आम आदमी पार्टी की ओर से इस चुनाव से पहले 300 यूनिट निशुल्क बिजली देने संबंधी वादा किया गया था अब जबकि पंजाब में आम आदमी की पार्टी की सरकार बन चुकी है। ऐसे में लोगों ने 300 यूनिट निशुल्क देने की मांग शुरू कर दी है।
दिल्ली में आम आदमी सरकार पहले से ही इस योजना को लागू किए हुए हैं ।पंजाब में भी इस योजना लागू करने से पहले आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पंजाब के बिजली विभाग की पूरी जानकारी लेना चाहते हैं इसलिए उन्होंने मुख्य सचिव सहित बिजली विभाग के प्रमुख सचिव और पावर कॉम के सीएमडी को बुलाया था।
इस बैठक में न तो मुख्यमंत्री भगवंत मान शामिल थे और न ही बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ को बुलाया गया था। यही कारण है कि विपक्ष ने आम आदमी पार्टी पर हमला बोल दिया है। निश्चित तौर पर यह मुद्दा विपक्षी पार्टियों की ओर से उभारा जाएगा कि वह पहले से ही यह कहती आ रही हैं कि पंजाब की सरकार को दिल्ली से चलाया जाएगा।
बताया जाता है कि 300 यूनिट निशुल्क हर महीना दिए जाने से पंजाब के खजाने पर कितना भार पड़ेगा, यह सारी जानकारी लेने के लिए मुख्य सचिव को वहां बैठक के लिए गए थे। याद रहे कि पंजाब में पहले से ही लगभग सभी वर्गों को या तो निशुल्क बिजली दी जा रही है या फिर सब्सिडी पर दी जा रही है। केवल व्यवसायिक सेक्टर ही एक ऐसा सेक्टर है जिसे इस तरह की कोई छूट नहीं मिल रही है।
पंजाब में किसानों को खेती के लिए जहां सात हजार करोड़ से ज्यादा की बिजली निशुल्क दी जा रही है ,वही उद्योगों को पांच रुपये प्रति यूनिट दिए जाने से 1900 करोड़ रुपये का भार खजाने पर पड़ रहा है। इसी तरह अनुसूचित जाति वर्ग और पिछड़े वर्ग को भी सब्सिडी पर बिजली दिए जाने से करीब 1900 करोड़ रुपये का बोझ पड़ रहा है।
पंजाब में घरेलू सेक्टर को बिजली रेगुलेटरी कमिशन की ओर से तय की गई दरों में तीन रुपये प्रति यूनिट की छूट दी गई है जिससे सालाना 3616 करोड रुपये का बोझ खजाने पर पड़ रहा है। इस तरह पंजाब के खजाने पर सभी सेक्टर को सस्ती बिजली देने से 14000 करोड़ की सब्सिडी का बोझ पड़ा हुआ है।
ऐसे में यदि पंजाब के लोगों को 300 यूनिट निशुल्क बिजली दी जाती है तो इससे पड़ने वाले भार को कैसे वहन किया जाएगा, इसको लेकर अरविंद केजरीवाल ने पंजाब के अधिकारियों को मीटिंग के लिए बुलाया था लेकिन अब यह मामला राजनीतिक मोड़ ले सकता है।