निकाय चुनाव के लिए भाजपा का मास्टर प्लान, पसमांदा दांव से मुस्लिम बहुल सीटों पर करेगी कब्जा
लखनऊ। डेढ़ वर्ष बाद होने वाले लोकसभा चुनाव का सेमी फाइनल माने जा रहे नगरीय निकाय चुनाव में सत्ताधारी भाजपा अबकी नया प्रयोग करने जा रही है। भाजपा की नजर नगरीय निकायों की उन मुस्लिम बहुल सीटों पर हैं जहां आज तक कभी कमल खिला नहीं है।
कभी न जीतने वाली सीटों पर अबकी पसमांदा मुस्लिमों को टिकट देगी पार्टी
-पार्टी, मुसलमानों में सबसे ज्यादा आबादी वाले पसमांदा (पिछड़े) पर पहली बार बड़ा दांव लगाकर मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों की निकाय सीटों पर भी कमल खिलाने की तैयारी में है।
-पार्टी ने ऐसे 60 से अधिक अध्यक्षों और एक हजार से ज्यादा वार्डों को तलाशा है। पदों के आरक्षण आदि की प्रक्रिया पूरी होते ही साफ-सुथरी छवि के जिताऊ के साथ टिकाऊ पसमांदा मुस्लिम प्रत्याशियों के नाम पार्टी घोषित करेगी।
-दरअसल, सबका साथ, सबका विकास के साथ केंद्र व राज्य की सत्ता में वापसी करने वाली भाजपा अब सत्ता की हैट्रिक लगाने के लिए मुसलमानों के बीच अपनी छवि सुधार वोट बैंक को बढ़ाने की कोशिश में है।
-इसके लिए वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में होने जा रहे निकाय चुनाव में खास रणनीति के तहत भाजपा, मुसलमानों को भी टिकट देकर सबका विश्वास हासिल करना चाहती है।
-इसके लिए मुसलमानों के पसमांदा (पिछड़े) समाज को भाजपा ने अपना लक्ष्य बनाया है। प्रदेश की कुल आबादी में पांच करोड़ से अधिक मुसलमानों में लगभग 80 प्रतिशत यानी चार करोड़ से अधिक की हिस्सेदारी पसमांदा की ही है।
-इतनी अधिक आबादी में से चूंकि ज्यादातर आर्थिक रूप से कमजोर ही हैं इसलिए वे सरकार की तमाम कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं।
-योजनाओं से प्रभावित इस लाभार्थी वोट बैंक के जरिए ही भाजपा अब सपा-बसपा जैसी विरोधी पार्टियों के उन मुस्लिम गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश है जहां कभी भगवा फहराना उसके लिए असंभव माना जाता था।
मुस्लिम बहुल सीटों पर कमल खिलाने की तैयारी में भाजपा
भाजपा अपने अल्पसंख्यक मोर्चा के जरिए इस कवायद में जुटी हुई है। मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली बताते हैं कि कल्याणकारी योजनाएं और संगठन-सरकार में प्रतिनिधित्व से पसमांदा मुसलिम का भाजपा की ओर झुकाव बढ़ रहा है। कभी भाजपा हराओ के जुनून में अपने हक तक की बात उठाना भूलते पसमांदा मुस्लिम अब साइकिल, हाथी और पंजा वालों का साथ छोड़ कमल थामने के लिए आगे आ रहे हैं। पार्टी भी पहली बार बड़े पैमाने पर नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों के के अध्यक्ष पद व वार्डों के पार्षद-सदस्य पद के लिए पसमांदा मुस्लिमों को प्रत्याशी बनाने जा रही है।