कानपुर। सरकारी जमीनों पर कब्जे आज के नहीं बल्कि वर्षों पुराने हैं। विभागीय अधिकारियों की अनदेखी, लापरवाही और मिलीभगत से भूमाफिया भी इसका खूब फायदा उठाते हैं । ऐसे में जहां सरकारी जमीनों पर अवैध निर्माण आबाद होते गए वहीं सरकार के साथ ही आम आदमी को भी नुकसान हो रहा है। कार्रवाई न होने से इनके हौसले और बुलंद थे, लेकिन अब योगी सरकार भूमाफिया के खिलाफ एक्शन मोड में है । इसका असर जिले में भी दिखाई दे रहा है । जिला प्रशासन ने सरकारी जमीनों पर हुए कब्जों को चिह्नित कर अगले 15 दिनों की कार्ययोजना तैयार की है, जिसमें हर दिन अवैध कब्जों पर बुलडोजर गरजेगा। 30 अप्रैल तक सदर तहसील की सरकारी जमीनों पर हुए कब्जे खाली कराने का लक्ष्य है ।
नौबस्ता, गुजैनी में सबसे ज्यादा कब्जे
सदर तहसील के अधिकारियों के मुताबिक नौबस्ता में सरकारी जमीनों पर अधिक कब्जे हैं । नौबस्ता के शाहपुर मझावन, भारू, मझावन, शंभुआ, परसौली, रामखेड़ा और जगदीशपुर गांव में सरकारी जमीनों पर भूमाफिया का कब्जा है । इसके बाद गुजैनी के मेहरबान सिंह का पुरवा, पत्तेहुरी, पिपौरी, गढ़ी, भैलामऊ और छीतेपुर में ग्राम समाज की जमीनों पर कब्जे हैं, जिनमें से कुछ खाली कराए जा चुके हैं।
15 से 30 के बीच कहां चलेगा बुलडोजर
-15 को गुजैनी के पिपौरी गांव
-16 को नौबस्ता के मझावन
-18 को कल्याणपुर के मकसूदाबाद और बहेड़ा
-19 को बिधनू के ओरियारा, रमईपुर
-20 को छावनी के सतबरी
-21 को सचेंडी केबिनौर
-22 को नौबस्ता के शंभुआ
-23 को कल्याणपुर के रौतेपुर
-25 को गुजैनी के गढ़ी, भैलामऊ, छीतेपुर
-26 को नौबस्ता के परसौली
-27 को छावनी के दहेली सुजानपुर
-28 को नौबस्ता के रामखेड़ा
-29 को सचेंडी के रामपुर, भीमसेन
-30 को नौबस्ता के जगदीशपुर