मेरठ में ‘पत्रकारिता में मौलिकता’ पर गोष्ठी
हम अपनी संस्कृति और पत्रकारिता का विकास करना चाहते हैं तो स्वाध्याय के माध्यम से मौलिकता लानी होगी। डॉ. प्रशांत कुमार ने कहा कि जिसमें दर्द सहने की क्षमता होगी, सही मायने में वही मील का पत्थर बन सकता है। गत दिनों मेरठ में हिंदी के प्रख्यात पत्रकार संपादकाचार्य बाबू...