बीबीसी और सिविल सोसायटी को नहीं दिखते भारत में अंग्रेजों और कांग्रेसियों के राज में हुए सांप्रदायिक दंगे
SG प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ पिछले 22 सालों से प्रोपेगेंडा किया जा रहा है। पहले देश की दरबारी-वामपंथी मीडिया, एनजीओ और सिविल सोसायटी ने गुजरात दंगों के मामले में अभियान चलाया। उसका कारण है, साबरमती ट्रेन में 26 रामभक्तों को जिन्दा जलाए के आक्रोश में हुए दंगे में उन्होंने...