Tuesday, December 3, 2024

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केदार आपदा के 10 साल, शोकसभा में सीएम पुष्कर ने दी श्रद्धांजलि

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10 Years of Kedarnath Disaster उत्तराखंड देवभूमि है और यहाँ की धरती भगवान शिव के धाम केदारनाथ की महिमा से दुनियाभर में अतुलनीय मानी जाती है। आज से 10 साल पहले 2013 में आई खतरनाक तबाही ने उसी धाम की विभीषिका से दुनियाभर की आंखे नम कर दी थी।

 

10 Years of Kedarnath Disaster एक दशक बाद बेहद भव्य हो गयी केदारपुरी

ऐसे में आपदा के इन 10 सालों में केदारनाथ में क्या-क्या बदला। आपको बताएँगे लेकिन पहले बात मुख्यमंत्री धामी की करते हैं जो आज बाबा के धाम पहुंचे हैं। धाम में केदारनाथ आपदा के दौरान मारे गए लोगों की याद में श्रद्धांजलि सभा का भी आयोजन किया गया। जिसमें शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री भी केदारनाथ पहुंचे।

10 Years of Kedarnath Disaster केदारनाथ हादसा के 10 साल पूरे होने पर सीएम पुष्कर सिंह धामी बाबा केदार के दरबार पहुंचे। उन्होंने बाबा केदार के दरबार में प्रदेश और देश की सुरक्षा और शांति की कामना की। केदारनाथ में ठीक एक दशक पहले जल प्रलय आया था। इसके बाद से वहां पुननिर्माण का कार्य चल रहा है। केदारपुरी को सजाया और संवारा जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट से आपदा के घावों को भरा जा रहा है। आपदा के बाद पहले चरण में 225 करोड़ रुपए के काम किए गए। अभी कई काम बाकी हैं।

10 Years of Kedarnath Disaster तबाही में समा गए थे कई लोग

 

10 Years of Kedarnath Disaster यहां पर बताते चले कि, केदारनाथ में यह आपदा 6-17 जून 2013 को आई खी इस दौरान आपदा में बड़ी तादाद में मौत हुई थी। तबाही का मंजर ऐसा रहा कि, सैलाब के रास्‍ते में आए सैकड़ों घर, रेस्‍टोरेंट और हजारों लोग बह गए। जब इस जलप्रलय के बारे में पता लगा तो पूरा देश शोक में डूब गया। आपदा में 4700 तीर्थ यात्रियों के शव बरामद हुए। जबकि पांच हजार से अधिक लापता हो गए थे। इतना ही नहीं आपदा के कई वर्षों बाद भी लापता यात्रियों के कंकाल मिलते रहे।

कितना बदली केदारपुरी

 

10 Years of Kedarnath Disaster भले ही केदारनाथ बहुत बड़ी त्रासदी से गुजर चुका है लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीधी मॉनिटरिंग , मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पुनर्निर्माण योजनाओं की रफ़्तार ने आज एक सुरक्षित और भव्य केदारपुरी तैयार कर दी है , जिसका दीदार चार धाम यात्रा में आने वाले हज़ारों भक्त रोज़ कर रहे हैं।

10 Years of Kedarnath Disaster अब धाम में पहले के मुकाबले काफी बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। केदारनाथ धाम भव्‍य हो गया है। चारों ओर सुरक्षा की दृष्टि से त्रिस्तरीय सुरक्षा दीवार बनाई गई है। मंदाकिनी व सरस्वती नदी में बाढ़ सुरक्षा कार्य किए गए हैं। इतना ही नहीं केदारनाथ यात्रा के पहले पड़ाव गौरीकुंड से लेकर धाम तक की पैदल दूरी अब 19 किलोमीटर हो गई है, लेकिन यह मार्ग तीन से चार मीटर चौड़ा किया गया है।