राज्य

CM योगी आदित्यनाथ गोरखपुर में बोले- नए शोध कर पेटेंट करा सकते हैं आयुर्वेद के विद्यार्थी

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आयुर्वेद के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। आयुर्वेद के विद्यार्थी नए शोध कर उन्हें पेटेंट करा सकते हैं। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए रविवार को मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुर्वेद के छात्र चिकित्सा हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के साथ ही औषधीय पौधों के क्षेत्र में भी कार्य कर सकते हैं।
महंत दिग्विजयनाथ व महंत अवेद्यनाथ की पुण्य स्मृति को किया नमन
उन्होंने ब्रह्मलीन गोरक्षपीठा धीश्वरद्वय महंत दिग्विजयनाथ व महंत अवेद्यनाथ की पुण्य स्मृति को नमन करते हुए उन्हें युगद्रष्टा बताया। कहा कि महंत दिग्विजयनाथ ने 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना कर पूर्वी उत्तर प्रदेश में शिक्षा की अलख जगाई थी। 1956-57 में गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए उन्होंने शिक्षा परिषद के दो कालेज दान में दिया था। सदैव उनके ही मार्ग का अनुसरण महंत अवेद्यनाथ ने किया। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की परिकल्पना ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ ने ही की थी।
40 साल तक इंसेफ्लाइटिस से त्रस्त रहा पूर्वी उत्तर प्रदेश
सीएम ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश 40 साल तक इंसेफ्लाइटिस से त्रस्त रहा। पूर्व की सरकारों ने उपचार की गंभीरता नहीं दिखाई। इससे 50 हजार बच्चों की मौत हो गई। जापानी इंसेफ्लाइटिस का टीका जापान में 1905-06 में ही विकसित हो गया था। लेकिन सरकारों की उदासीनता के चलते भारत में 100 साल बाद आया। 2005-06 में यहां टीकाकरण की शुरुआत तब हुई जब संसद में इस मुद्दे को उठाया गया।
नौ महीने में विकसित कर लिया कोविड का टीका
सीएम ने कहा कि कोरोना महामारी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सतर्कता और सार्थक प्रयास के चलते हमने मात्र नौ माह में कोरोनारोधी टीका विकसित कर लिया। अब तक पूरे देश में 200 करोड़ और उत्तर प्रदेश में 36 करोड़ डोज लगाई जा चुकी है। उन्होंने विभिन्न पाठ्यक्रमों के मेधावियों के साथ ही 501 पौधे लगाने वाले नागेंद्र पांडेय को सम्मानित किया।