गोरखपुर। गोरखनाथ मंदिर के सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने वाले अहमद मुर्तजा अब्बासी की कस्टडी 16 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी गई है। एटीएस की टीम पिछले एक सप्ताह से अहमद मुर्तजा अब्बासी को अपनी कस्टडी में लेकर पूछताछ कर रही है। विवेचना स्थानांतरित होने के बाद पांच अप्रैल को ही आरोपित को लेकर टीम लखनऊ चली गई, जहां उससे पूछताछ हो रही है। उसे 11 अप्रैल को गोरखपुर में कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया।
इन धाराओं में दर्ज हैं मुकदमें
तीन अप्रैल की देर शाम गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पीएसी के दो जवान पर मुर्तजा ने धारदार हथियार से हमला कर दिया था। गोरखनाथ थाने में उसके खिलाफ हत्या की कोशिश, सरकारी कार्य में बाधा डालने, सेवन सीएलए समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज है। चार अप्रैल को गोरखनाथ पुलिस ने मुर्तजा को कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए कस्टडी रिमांड में मांगी थी।जिसे मंजूर करते हुए कोर्ट ने 11 अप्रैल की दोपहर दो बजे तक के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर की थी।पांच अप्रैल को मुकदमे की विवेचना एटीएस को ट्रांसफर हो गई जिसके बाद एटीएस उसे लेकर लखनऊ चली गिई।वहीं पर मुर्तजा उसके माता-पिता व करीबियों से पूछताछ की जा रही है।पूछताछ में सामने आए तथ्य के आधार पर एटीएस मुर्तजा की कस्टडी रिमांड बढ़ाने की मांग कर सकती है।शुक्रवार को एटीएस की ओर से कस्टडी रिमांड बढ़ाने के लिए कोर्ट में अर्जी दी गई थी।
एटीएस कार्यालय में फिर बयान देने पहुंचे डा. खालिद अब्बासी, टीम ने लौटाया
अहमद मुर्तजा अब्बासी के बड़े पिता डा. खालिद अहमद अब्बासी रविवार की शाम को पुलिस कंट्रोल रूम के पास स्थित एटीएस कार्यालय में बयान दर्ज कराने पहुंचे। कार्यालय में मौजूद दारोगा व सिपाहियों ने बयान दर्ज करने से मना कर दिया। करीब 30 मिनट तक कार्यालय में रहने के बाद डा. अब्बासी घर लौट गए। एटीएस के उप निरीक्षक दिनेश कुमार पांडेय गोरखनाथ थाने में दर्ज हुए मुकदमे की विवेचना कर रहे हैं। शुक्रवार को विवेचक की ओर से मुर्तजा के बड़े पिता डा. खालिद अहमद अब्बासी को नोटिस भेजा गया कि तत्काल लखनऊ के नादरगंज स्थित एटीएस के मुख्यालय पहुंचकर अपना बयान दर्ज कराएं। अपने साथ आधार कार्ड, पहचान पत्र व निवास प्रमाण लेकर जांए। आदेश की अवहेलना पर आपके विरुद्ध विधिक कार्रवाई होगी।
डाक्टर ने अधिकारियों को ईमेल भेज कहा उम्र ज्यादा, गोरखपुर में दर्ज हो बयान
अपनी उम्र 65 साल होने की जानकारी देते हुए डाक्टर खालिद अब्बासी लखनऊ की जगह गोरखपुर कार्यालय पर बयान दर्ज कराने शनिवार की रात में पहुंच गए, लेकिन उन्हें लौटा दिया गया। इसके बाद उन्होंने एटीएस के एडीजी व एसएसपी को ईमेल कर बताया कि उनकी उम्र 65 वर्ष है। कानून के मुताबिक वरिष्ठ नागरिक होने के नाते उनसे पूछताछ/बयान उसी जिले में दर्ज किया जाए। ई-मेल का जवाब न मिलने पर रविवार की शाम को वह दोबारा बयान दर्ज कराने दोबारा एटीएस के कार्यालय पहुंचे लेकिन उन्हें लौटा दिया गया।
पहले दिन से कर रहा हूं सहयोग
डा. खालिद अहमद अब्बासी का कहना है कि वह पहले दिन से ही पुलिस व एटीएस का सहयोग कर रहे हैं। दो अप्रैल से ही एटीएस की टीम रोज उनके आवास व कार्यालय पर आ रही है। सुगर, ब्लडप्रेशर की शिकायत व उम्र ज्यादा होने की वजह से वह गोरखपुर में ही बयान दर्ज कराना चाह रहे हैं।