बिहार चुनाव से पहले एनडीए में दरार, 40 सीटों पर अड़े चिराग पासवान, प्रशांत किशोर के साथ गठबंधन की तैयारी

पटना
अगले महीने होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के लिए चिराग पासवान-प्रशांत किशोर के बीच गठबंधन की चर्चा जोर पकड़ चुकी है। लोजपा (रामविलास) के सूत्रों ने इसका संकेत देते हुए कहा है कि ‘राजनीति में दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं।’ चिराग पासवान और प्रशांत किशोर के गठबंधन से जुड़ी चर्चा उस समय सामने आई है, जब एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर बातचीत अंतिम दौर की तरफ बढ़ चली है। इसी कड़ी में मंगलवार को चिराग पासवान के घर धर्मेंद्र प्रधान, विनोद तावड़े और मंगल पांडेय पहुंचे। रिपोर्ट के अनुसार चिराग पासवान को एनडीए ने 25 सीटें ऑफर की हैं। बताया जा रहा है कि चिराग पासवान को एनडीए का 25 सीटों वाला ऑफर पसंद नहीं है। उनका कहना है कि लोजपा रामविलास को कम के कम 40 सीटें मिलनी चाहिएं। चिराग पासवान का तर्क है कि लोकसभा चुनाव 2024 में उनकी पार्टी ने 100 फीसदी का स्ट्राइक रेट देते हुए अपनी पांचों लोकसभा सीटें जीत ली थीं। बता दें बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का ऐलान हो चुका है, लेकिन अभी तक किसी भी गठबंधन में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला नहीं बन पाया है।
हालांकि एनडीए का दावा है कि 10 अक्तूूबर से पहले सीट बंटवारा हो जाएगा, मगर यह इतना आसान नहीं है, क्योंकि एलजेपीआर चीफ चिराग पासवान ने सीटों की संख्या के साथ-साथ मनपसंद सीटों की डिमांड रख दी है, जिस वजह से पेंच सुलझने की बजाय, उलझता नजर आ रहा है। मंगलवार को बीजेपी चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े और मंत्री मंगल पांडे ने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान से उनके दिल्ली स्थित आवास पर मुलाकात की। बीजेपी नेताओं के साथ एलजेपीआर चीफ की 45 मिनट तक बैठक चली, लेकिन किसी फॉर्मूले पर बात नहीं बन पाई। इस दौरान चिराग ने खुलकर अपनी डिमांग रखी। उन्होंने सीट बंटवारे के लिए अपनी तरफ से चार प्रस्ताव भी रखे, जिस पर बीजेपी नेताओं ने कोई स्पष्ट आश्वासन नहीं दिया है। बीजेपी नेताओं ने कहा कि वह उनकी मांगों को अपने केंद्रीय नेतृत्व के सामने रखेंगे और उसके बाद उनसे दूसरे दौर की बातचीत करेंगे।
बीजेपी के सामने रखी ये चार शर्तें
लोकसभा की तर्ज पर विधानसभा में सीट
बीजेपी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चिराग पासवान ने धर्मेंद्र प्रधान के सामने चार प्रस्ताव रखे हैं, जिसके मुताबिक लोकसभा चुनाव 2024 में लोक जनशक्ति पार्टी ने पांच सीटें जीती थीं, लिहाजा उसी आधार पर विधानसभा चुनाव में भी पार्टी को सम्मानजनक सीटें दी जाएं।
2020 के वोट प्रतिशत के आधार पर बंटवारा
दूसरी शर्त के अनुसार बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में एलजेपीआर ने 135 सीटों पर लडक़र कुल 5.64 प्रतिशत वोट हासिल किया था। लिहाजा इसे ध्यान में रखकर सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तैयार किया जाए।
जीती हुई लोकसभा सीट से दो सीटें
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक चिराग पासवान ने हमारे नेताओं के सामने यह प्रस्ताव भी रखा है कि इस तरह सीटों का बंटवारा किया जाए कि एलजेपी को
उन पांच लोकसभा क्षेत्रों की कम से कम दो विधानसभा सीटें मिलें, जहां हमने 2024 चुनाव में जीत हासिल की थी।
हर हाल में चाहिए पसंदीदा सीट
इसके साथ ही चिराग पासवान ने इस बात पर विशेष तौर पर जोर दिया है कि पश्चिम चंपारण की गोविंदगंज समेत उनकी पार्टी के बड़े नेताओं की पारंपरिक सीट हर हाल में मिलनी चाहिए। गोविंदगंज से राजू तिवारी चुनाव लड़ते हैं। हालांकि 2020 में बीजेपी के सुनील मणि तिवारी जीते थे। ऐसे में बीजेपी के लिए ये सीट छोडऩा आसान नहीं होगा।