“खोखली बयानबाजी न करें, शिष्टमंडल के साथ दिल्ली जाएं” : सीमा विवाद पर कर्नाटक कांग्रेस की CM बोम्मई को सलाह
sg कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से कहा, सर्वदलीय शिष्टमंडल लेकर दिल्ली जाएं और गृहमंत्री अमित शाह से इस मामले पर सार्वजनिक रूप से आश्वासन देने को कहें
बेंगलुरु:
कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने बुधवार को मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से कहा कि महाराष्ट्र के साथ सीमा विवाद पर उन्हें तत्काल सर्वदलीय शिष्टमंडल के साथ दिल्ली जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने बोम्मई पर इस मामले में सिर्फ ‘‘खोखली बयानबाजी” करने का भी आरोप लगाया. बोम्मई ने कहा था कि कर्नाटक अपनी एक इंच जमीन भी महाराष्ट्र को नहीं देगा. इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवकुमार ने केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से इस मामले में सार्वजनिक रूप से आश्वासन देने को कहा.
डीके शिवकुमार ने ट्वीट किया है, ‘‘इस पर कोई आश्चर्य नहीं है कि मुख्यमंत्री सिर्फ खोखली बयानबाजी कर रहे हैं. अगर वह वाकई मानते हैं कि कर्नाटक की एक इंच जमीन भी महाराष्ट्र को नहीं दी जाएगी तो उन्हें तत्काल सर्वदलीय शिष्टमंडल के साथ दिल्ली जाना चाहिए और गृहमंत्री से इस मामले पर सार्वजनिक रूप से आश्वासन देने को कहना चाहिए.”
सीमा मुद्दे पर महाराष्ट्र विधानमंडल में पारित प्रस्ताव को ‘‘गैर-जिम्मेदार और संघीय ढांचे के विरुद्ध” बताते हुए बोम्मई ने मंगलवार को कहा था कि राज्य की एक इंच जमीन भी नहीं छोड़ी जाएगी.
महाराष्ट्र विधानमंडल ने मंगलवार को कर्नाटक में मराठी भाषी 865 गांवों को महाराष्ट्र में शामिल करने के लिए ‘‘कानूनी कदम उठाने” के वास्ते प्रस्ताव पारित किया है.
पिछले कुछ सप्ताह में दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद बढ़ गया है और दोनों राज्यों के नेता इस पर लगातार बयानबाजी कर रहे हैं. पुलिस ने बेलगावी में स्थिति तनावपूर्ण होने के मद्देनजर कई कन्नड़ तथा मराठी समर्थक कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है.
नों राज्यों के बीच यह सीमा विवाद 1957 में भाषा के आधार पर इनके पुनर्गठन के वक्त का है. महाराष्ट्र पूर्ववर्ती बांबे प्रेसिडेंसी का हिस्सा रहे बेलगावी पर अपना दावा करता है क्योंकि वहां मराठी भाषियों की संख्या ज्यादा है. वह उन 865 मराठी भाषी गांवों पर भी दावा करता है जो फिलहाल कर्नाटक का हिस्सा हैं.