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शिमला। 7 साल की मासूम बच्ची के दुष्कर्म के आरोपी आकाश को मौत की सजा नहीं होगी। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सजा में बदलाव की अपील को स्वीकार करते हुए पॉक्सो अधिनियम के तहत मृत्युदंड की सजा पाए आरोपी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। न्यायमूर्ति सबीना और सुशील कुकरेजा की खंडपीठ के सामने 31 दिसंबर को दोषी आकाश कुमार की ओर से पेश की गई मौत की सजा में छूट का मामला सूचीबद्व किया गया था।
फास्ट ट्रैक कोर्ट सोलन द्वारा उत्तर प्रदेश के आरोपी आकाश को सुनाई गई मौत की सजा से बचाव एवं प्रताड़ना की दलीलें सुनने के बाद छह दिसंबर को न्यायमूर्ति सबीना एवं न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आरोपी को फास्ट ट्रैक ट्रायल और पुलिस जांच में दोषी पाया गया। आरोपी ने 2017 में सात साल की मासूम बालिका के साथ पहले दुष्कर्म किया और बाद में राज्य के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में उसकी गला दबाकर हत्या कर दी।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश परविंदर सिंह अरोड़ा की फास्ट ट्रैक अदालत ने फरवरी 2022 को उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के निवासी आकाश कुमार को मौत की सजा सुनाई। हिमाचल प्रदेश में यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पाॅक्सो) अधिनियम के तहत यह पहला मामला था, जहां सत्र न्यायालय ने दोषी को मौत की सजा सुनाई थी।