प्रतिभा सिंह होलीलॉज; सुक्खू चंडीगढ़ तो मुकेश सोलन में बनाते रहे रणनीति, तीन बार बदला मीटिंग का समय
शिमला
प्रदेश में 40 सीटों की बड़ी जीत के साथ भाजपा को सत्ता से बेदखल करने वाली कांग्रेस शुक्रवार को कई जगह फंसी हुई नजर आई। नतीजों के साथ शुरू हुई सीएम रेस ने पार्टी को खेमों में बांट दिया। राजधानी में कहीं सडक़ पर हल्ला सुनाई दिया, तो कहीं बंद कमरे में रणनीतिक चालें चली गई। इस बीच दिल्ली ने जिन प्रभारियों को हिमाचल में सरकार बनाने की जिम्मेदारी सौंपी थी वो जरूर सक्रिय नजर आए। हिमाचल प्रभारी राजीव शुक्ला, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और ऑब्जर्वर भूपेंद्र सिंह हुड्डा प्रदेश के तीनों बड़े नेताओं के बीच समन्वय बनाते रहे। इसी कड़ी में बैठक के समय को तीन बार बदला गया। पहले यह बैठक तीन बजे शुरू होनी थी। इसके बाद इसका समय पांच बजे किया गया।
आखिर में आठ बजे बैठक तय हुई। सुबह से ही राजनीतिक गलियारों में कांग्रेस के मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर हलचल तेज थी। हाइकमान ने 12 बजे तक लगभग यह तय कर दिया था कि कांग्रेस उन्हीं नेताओं में से मुख्यमंत्री का फैसला करेगी, जिन्हें चुनाव में अहम जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इनमें किसी एक को मुख्यमंत्री बनाने की राय कायम होते ही सबसे पहले प्रतिभा सिंह सिसिल होटल पहुंची और यहां उन्होंने अपना पक्ष रखा। प्रतिभा सिंह की इस मुलाकात में मुख्यमंत्री बनाए जाने के सभी नियमों और पहलुओं पर मंत्रणा हुई। इसके बाद तीनों प्रभारियों और मुकेश अग्रिहोत्री के बीच भी वार्तालाप हुआ। मुकेश अग्रिहोत्री दोपहर तक सोलन में थे। इस कड़ी में सबसे आखिर में सुखविंद्र सिंह सुक्खू से की बारी थी। बताया जा रहा है कि सुक्खू अपने समर्थक विधायकों के साथ चंडीगढ़ में रुके हुए थे। हाईकमान का निर्देश मिलने पर वह शिमला के लिए रवाना हो गए। इसके बाद विधायक दल की बैठक का समय तय हुआ और सभी विधायक राजीव भवन पहुंचने शुरू हो गए।
विधायकों को हाइकमान पर भरोसा
कांग्रेस भवन पहुंचे विधायकों में किन्नौर से जगत सिंह नेगी, रघुवीर बाली, अनिरुद्ध सिंह, नंदलाल, जुब्बल-कोटखाई से रोहित ठाकुर, रेणुकाजी से विनय कुमार, कुटलैहड़ से देवेंद्र भुट्टो और कुल्लू से सुंदर ठाकुर ने हाइकमान के फैसले पर विश्वास जताया। इन सभी विधायकों ने इस बात पर सहमति जताई कि हाइकमान जिस भी नेता को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपेगा, सभी मिलकर उसका समर्थन करेंगे। हालांकि इस पर सभी विधायकों का मत एक नहीं था।
नेताओं में एकजुटता की कमी दिखी
मुख्यमंत्री की रेस में शामिल सभी बड़े चेहरे इस बात की उम्मीद जरूर करते नजर आए कि प्रदेश से एक ही नाम केंद्र को भेजा जाए, ताकि केंद्र को मुख्यमंत्री के नाम पर सहमति जताने में ज्यादा चिंतन करने की जरूरत ही न रहे, लेकिन इस परिस्थिति में एकजुटता का अभाव नजर आता रहा। देर शाम तक शिमला में प्रतिभा और सुक्खू समर्थकों की नारेबाजी के कारण माहौल तनाव पूर्ण बना रहा। इस कारण विधायक दल की बैठक भी देर से ही शुरू हो पाई।