टुकडे आधा किमी दूर मिले
ढाका : बांग्लादेश में एक बाद फिर हिंदू मंदिर को कट्टरपंथियों ने नुकसान पहुंचाया है। इस बार हमलावरों ने अति प्राचीन एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की। इस हमले में मंदिर के अंदर मौजूद प्रतिमा को नुकसान पहुंचा है। घटना की जानकारी सामने आने के बाद स्थानीय पुलिस ने हमलावरों की धर-पकड़ के लिए एक अभियान भी शुरू किया है। जानकारी के अनुसार, यह मंदिर औपनिवेशिक काल का है और अंग्रेजों के शासनकाल से इसमें पूजा-अर्चना हो रही है। यह मंदिर बांग्लादेश के झेनाइदाह जिले के दौतिया गांव में स्थित है। हमले की जानकारी मिलने के बाद पहुंची पुलिस को खंडित मूर्ति के टुकड़े मिले।
मंदिर समिति के अध्यक्ष ने हमले की पुष्टि की
बांग्लादेशी न्यूज वेबसाइट ‘बीडीन्यूज डॉट कॉम’ ने मंदिर समिति के अध्यक्ष सुकुमार कुंडा के हवाले से मंदिर पर हमले की जानकारी दी। रिपोर्ट के अनुसार, मंदिर में स्थित मूर्ति का ऊपरी हिस्सा मंदिर परिसर से आधा किलोमीटर दूर सड़क पर पड़ा हुआ मिला। सुकुमार कुंडा ने बताया कि, यह काली मंदिर औपनिवेशिक काल से ही हिंदुओं का पूजा स्थल रहा है। यह घटना बांग्लादेश में 10 दिवसीय दुर्गा पूजा खत्म होने के 24 घंटे के अंदर हुई है।
दुर्गा पूजा के समापन के बाद हुआ हमला
बांग्लादेश पूजा उत्सव परिषद के महासचिव चंदनाथ पोद्दार ने बताया, ”घटना रात में झेनाइदाह के मंदिर में हुई। प्रख्यात ढाका विश्वविद्यालय में गणित के प्रोफेसर पोद्दार ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना कहा क्योंकि पूरे देश में दस दिवसीय उत्सव में कोई व्यवधान पैदा नहीं हुआ। झेनाइदाह पुलिस के सहायक अधीक्षक अमित कुमार बर्मन ने कहा, “मामला दर्ज कर लिया गया है और संदिग्धों की तलाश की जा रही है। इस घटना को छोड़कर, इस साल पूरे बांग्लादेश में दुर्गा पूजा उत्सव शांतिपूर्वक मनाया गया।
पिछले साल बांग्लादेश में हुई थी काफी हिंसा
पिछले साल की तुलना में इस साल उत्सव काफी शांतिपूर्ण रहा। पिछले साल देश में दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा व झड़पों में कम से कम छह लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों घायल हो गए थे। बांग्लादेश की करीब 16 करोड़ 90 लाख की आबादी में लगभग 10 प्रतिशत हिंदू हैं।