अगर कोई अखबार, या सोशल मीडिया प्लेटफार्म रूस की सेना को लेकर ‘फर्जी’ खबर देता है तो उसके लिए जेल की हवा खानी पड़ सकती है
रूस के यूक्रेन पर जारी जबरदस्त हमले के बीच रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कल एक नया कानून लागू किया है। इसके अनुसार, अगर कोई अखबार, या सोशल मीडिया प्लेटफार्म रूस की सेना को लेकर ‘फर्जी’ खबर देता है तो उसके लिए जेल की हवा खानी पड़ सकती है।
रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस की सेना यूक्रेन पर चौतरफा हमला कर रही है। रूसी मिसाइलों से यूक्रेन के कई शहर बर्बाद हो चुके हैं, कुछ ढह चुके हैं। ऐसे में रूसी सेना की कार्रवाई को लेकर रूस में ही कुछ ‘फर्जी’ खबरें चलाई गईं, जिस पर राष्ट्रपति पुतिन विशेष रूप से गुस्सा हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध में रूस की सेना यूक्रेन पर चौतरफा हमला कर रही है। रूसी मिसाइलों से यूक्रेन के कई शहर बर्बाद हो चुके हैं, कुछ ढह चुके हैं। ऐसे में रूसी सेना की कार्रवाई को लेकर रूस में ही कुछ ‘फर्जी’ खबरें चलाई गईं, जिस पर राष्ट्रपति पुतिन विशेष रूप से गुस्सा हैं।
अब उन्होंने इस पर रोक लगाने के लिए जो नया आपराधिक कानून लागू किया है उसमें 15 साल तक की सजा का प्रावधान है। रूस में इन दिनों सोशल मीडिया खासतौर पर सक्रिय दिखा है। उसके द्वारा युद्ध को लेकर कई तरह की ‘जानकारियां’ प्रसारित की जा रही हैं। इनमें से कई रूस की सरकार के अनुसार फर्जी पाई गई हैं। ऐसी ‘आधारहीन’ खबरें न प्रसारित की जाएं इसे लेकर पुतिन ने अपनी एक प्रेस कांफ्रेंस में संकेत भी किया था। लेकिन यह चलन जारी रहा।
इस सेना विरोधी ‘हरकत’ को रोकने की गरज से ही यह नया आपराधिक कानून बनाया गया है। इसमें बिना लंबी—चौड़ी कार्रवाई के जेल भेजने का प्रावधान है। उधर यूक्रेन के प्रमुख अखबार ‘द कीव इंडिपेंडेंट’ की खबर है कि रूस ने फेसबुक पर रोक लगा दी है। मास्को की सेंसरशिप एजेंसी ‘रोसकोम्नाडजोर’ ने बताया था कि फेसबुक ‘रूसी राज्य मीडिया समूहों के प्रति भेदभाव’ बरत रहा है।
रूस में अपने पर रोक लगने के बाद फेसबुक का कहना है कि रूस तथ्यात्मक जानकारी पर रोक लगाकर लाखों लोगों को सही जानकारी से दूर कर रहा है। फेसबुक ही नहीं, रूस ने ट्विटर पर भी रोक लगाई हुई है।