सुपरटेक एमरल्ड कोर्ट में आवासीय भूखंड पर अवैध निर्माण को फायर एनओसी के मामले में तीन अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी
नोएडा (उत्तर प्रदेश), 17 अगस्त। गौतमबुद्ध नगर जिले के नोएडा सेक्टर-93 में स्थित सुपरटेक एमरल्ड कोर्ट में आवासी भूखंड पर अवैध तरीके से बनाए गए टावर एपेक्स और सियान को फायर एनओसी देने के मामले में अग्निशमन विभाग के तीन तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। कोतवाली फेस-2 में दमकल अधिकारी योगेंद्र चौरसिया की शिकायत पर तत्कालीन मुख्य अग्निशमन अधिकारी महावीर सिंह, राजपाल त्यागी व आइएस सोनी को नामजद किया गया है। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने सुपरटेक लिमिटेड को आवंटित ग्रुप हाउसिग भूखंड पर बने अवैध टावर संख्या टी-16 और टी-17 को ध्वस्त करने के आदेश दिए हैं।
पूरे प्रकरण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर तत्कालीन अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त (आइआइडीसी) संजीव मित्तल की अध्यक्षता में उत्तरदायित्व तय करने के लिए जांच कमेटी का गठन किया गया था। जांच के बाद कमेटी ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप दी थी। इसके आधार पर अभी तक कई अधिकारी निलंबित हो चुके हैं। इस मामले में उस समय नोएडा में अलग-अलग पदों पर तैनात रहे चार आइएएस समेत कुल 26 अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया गया है। कमेटी द्वारा की गई जांच में सामने आया है कि अवैध रूप से स्वीकृत मानचित्रों के आधार पर हुए निर्माण को अग्निशमन विभाग ने भी अनापत्ति प्रमाणपत्र दे दिया था।
थाना फेस-दो कोतवाली प्रभारी परमहंस तिवारी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 217 (लोक सेवक द्वारा सजा से व्यक्ति को बचाने के इरादे से कानून की एक दिशा की अवहेलना) और 11 उत्तर प्रदेश अग्नि निवारण व अग्नि सुरक्षा अधिनियम वर्ष 2005 के तहत मामला दर्ज किया गया है।