राजस्थान में घर-घर बांटे जाएंगे पांच करोड़ पौधे, सीएम गहलोत बोले-योजना पर खर्च होंगे 42 करोड़ रूपये
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घर-घर औषधि योजना का विस्तार कर नए रूप में लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।अब प्रदेश में ‘हरित राजस्थान-स्वस्थ राजस्थान’ की सोच के साथ प्रदेश में वृक्षारोपण अभियान चलाया जाएगा। जानकारी के अनुसार वृक्षारोपण कार्यक्रम में वर्ष 2022-23 के लिए 42 करोड़ रूपये की लागत से पांच करोड़ पौधे तैयार किए जाएंगे। इनमें से तीन करोड़ पौधे आमजन की मांग अनुसार उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है। आमजन को पौधे सरकारी नर्सरियों से मिलेंगे तथा दूरी की समस्या होने पर अन्य स्थानों से भी वितरण किया जा सकेगा।
प्रदेशवासियों को जनआधार कार्ड के आधार पर सरकार द्वारा निर्धारित दर पर पौधे वितरित किए जाएंगे। वहीं सामुदायिक स्तर पर वृक्षारोपण के लिए राज्य की 10 हजार ग्राम पंचायतों को गोचर और चारागाह भूमि के लिए तैयार किए गए एक करोड़ पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रत्येक ग्राम पंचायत क्षेत्र में प्रतिवर्ष एक हजार पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। इसी प्रकार 200 बड़े नगरीय क्षेत्रों में लगभग एक करोड़ पौधे हर साल लगाए जाएंगे। इसी तरह साल 2023-24 के लिए भी 42 करोड़ रूपये की लागत से पांच करोड़ पौधे तैयार किए जाएंगे । साल 2022-23 में लगाए गए पौधों के लिए 21 करोड़ रूपये का अतिरिक्त बजट उपलब्ध कराया जाएगा। इस तरह योजना में कुल 105 करोड़ रूपये खर्च होंगे।
वृक्षारोपण करने से मनुष्य पुण्य का भागी होता है: राठौड़
निगम अध्यक्ष राठौड़ अखिल विश्व गायत्री परिवार राजस्थान गायत्री शक्तिपीठ द्वारा आयोजित दशम पुष्कर अखंड अरण्य तीर्थ प्रदक्षिणा के अवसर पर आयोजित पदयात्रा के दूसरे दिन नांद गांव में जवाहर फाउंडेशन द्वारा आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम में औपचारिक बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हिंदू वेद पुराणों में भी वृक्षारोपण का जिक्र है स्कंद पुराण के अनुसार आम पीपल बेल नीम बरगद आदि पेड़ों के वृक्षारोपण करने से मनुष्य पुण्य का भागीदार होकर स्वर्ग की प्राप्ति करता है।
उन्होंने हर व्यक्ति को स्वस्थ वातावरण के लिए एक पेड़ लगाने की आव्हान किया । निगम अध्यक्ष राठौड़ ने कहा कि बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण को रोकने के लिए वृक्षारोपण जरूरी है उन्होंने वृक्षारोपण के कार्य में सामाजिक संस्थाओं को आगे आने का आह्वान किया।