हिमाचल में तय होंगे फ्लड जोन, बाढ़ संभावित क्षेत्रों में निर्माण कार्य रोकने को आएगा नया कानून

शिमला
हिमाचल में आपदा से सबक लेते हुए पहली बार फ्लड जोन तय होंगे और ऐसे जोन में नया निर्माण रोकने के लिए बाकायदा कानून लाया जाएगा। साथ में संवेदनशील क्षेत्रों में प्रॉपर्टी का बीमा भी किया जाएगा। यानी हिमाचल में डिजास्टर रिस्क इंश्योरेंस पर पहली बार काम हो रहा है। ये कदम हिमाचल सरकार को वल्र्ड बैंक से मिले 2687 करोड़ के प्रोजेक्ट में उठाए जा रहे हैं। इस प्रोजेक्ट का नाम रेडी- एचपी यानी रेसिलियंट एक्शन फॉर डिवेलपमेंट एंड डिजास्टर रिकवरी रखा गया है। प्रोजेक्ट में 537 करोड़ की हिस्सेदारी राज्य सरकार की होगी, जबकि 2150 करोड़ वल्र्ड बैंक देगा। इसकी अवधि वर्ष 2024 से 2019 तक रखी गई है और दिसंबर में लोन एग्रीमेंट साइन होना है। आजकल वल्र्ड बैंक का मिशन हिमाचल के दौरे कर रहा है। फंडिंग एजेंसी के एक दल ने सिराज विधानसभा क्षेत्र के जंजैहली का दौरा भी किया है। पिछले सप्ताह बैंक का मिशन लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, ऊर्जा विभाग और स्टेट रूरल लाइवलीहुड मिशन से मिलकर गया है। अगले हफ्ते यह दल फिर से हिमाचल आ रहा है। वल्र्ड बैंक इस प्रोजेक्ट में हिमाचल में पहली बार फ्लड जोनेशन तय कर रहा है।
हिमाचल की नदियों के हाई फ्लो लेवल से फ्लड जोन तय होंगे। इनमें नई कंस्ट्रक्शन को रोकने के लिए राज्य सरकार कानून बनाएगी। यह देखा गया है कि हिमाचल के कई हिस्सों में टीसीपी के नियमों से हो रहे निर्माण से हादसे नहीं रुक रहे हैं। यदि फ्लड जोन में सरकारी इन्फ्रास्ट्रक्चर या निजी भवन बनाया जाएगा तो उसके लिए आपदा राहत की कोई स्कीम नहीं होगी। इसके साथ डिजास्टर रिस्क इंश्योरेंस प्रणाली को भी लागू किया जाएगा, ताकि जो लोग अपनी प्रॉपर्टी का बीमा करवाना चाहते हैं, उन्हें इसकी सुविधा मिल सके। विश्व बैंक की टीम ने इस प्रोजेक्ट को लेकर राज्य सरकार के अधिकारियों से कई स्तर की बैठकें की हैं। वल्र्ड बैंक चाहता है कि आपदा राहत पर यदि हिमाचल में काम करना है, तो वह सस्टेनेबल होना चाहिए। यही वजह है कि ऐसे क्षेत्रों में नया निर्माण रोका जा रहा है, जहां बाढ़ का पानी पहुंच सकता है।
आपदा पर दो प्रोजेक्ट एक साथ चलेंगे
हिमाचल सरकार को पोस्ट डिजास्टर नीड एसेस्मेंट के तहत भी 2006 करोड़ भारत सरकार से मिल रहे हैं, लेकिन यह सिर्फ 2023 की बरसात में हुए नुकसान के बदले हैं और इस नुकसान की भरपाई पर खर्च होंगे। वल्र्ड बैंक का एचपी रेडी प्रोजेक्ट 2023 से 2025 के बीच हुई क्षति के पुनर्निर्माण पर काम करेगा। इसलिए इस प्रोजेक्ट के तहत राज्य सरकार इस साल हुए नुकसान के काम भी कर सकती है। आपदा राहत के लिए हिमाचल में दो प्रोजेक्ट अब एक साथ काम करेंगे।