Wednesday, November 27, 2024

राष्ट्रीय

ट्रेनों पर रहेगी इसरो की नजर, अब मिलेगी सटीक जानकारी

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कुछ प्रतिष्ठानों पर नजर डालेंगे सिद्धबली में जाकर खुद भी खाएं और अपने मेहमानों को भी खिलाएं और और अपना मान बढ़ाएं

सिद्धबली का काला रसगुल्ला जो आपको कर देगा मन में बुल्ला

सिद्धबली का सफेद रसगुल्ला आहा आ जाए मुंह में पानी रस भरा

सिद्धबली का मिलकेक तो जरूर खाएं एक बार और सारे केक भूल जाए सौ बार
समोसा एक बार जरूर खाएं गरमा गरम और अपने दोस्तों को भी खिलाएं और घर बैठे ऑर्डर करके भी मंगा सकते हैं सिद्धबली का समोसा

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स्टेशन से छूटने के बाद ट्रेन कहां पहुंची है? अब इसकी सटीक जानकारी मिलेगी। क्योंकि जल्द ही लंबी दूरी की ट्रेनों पर सेटेलाइट द्वारा इसरो की नजर रहेगी। ट्रेनों की लोकेशन के लिए नेशनल ट्रेन इंक्वायरी को अपग्रेड किया जा रहा है। अब ट्रेनों की लोकेशन जल्द ही रीयल टाइम इंफॉर्मेशन सिस्टम (आरटीईएस) के आधार पर मिलेगी। इसके लिए इंजनों में एक डिवाइस लगाया जा रहा है, जो जीपीएस के आधार पर ट्रेनों की गति पढ़कर अपडेट जारी करता है। अब तक २,७०० इंजनों में यह डिवाइस लग चुके हैं जबकि ६,००० इंजनों में लगना बाकी है।
जानकारी के मुताबिक वर्तमान में अभी ट्रेनों की लोकशन स्टेशन से स्टेशन की मिलती है। बीच की लोकेशन औसत रफ्तार के अनुसार गणना के आधार पर अपडेट होती है। अपग्रेड सिस्टम के शुरू होने से ट्रेन स्टेशन पर पहुंचने की वास्तविक टाइमिंग पता चलने के साथ ही यह भी जान सकेंगे कि ट्रेन किसी जंगल से गुजर रही है या फिर कहीं आउटर पर खड़ी है। रेल अधिकारियों के अनुसार रीयल टाइम इंफॉर्मेशन सिस्टम से ट्रेनों की सटीक जानकारी मिलेगी। इस पर काम शुरू हो गया है, इससे यात्रियों को काफी सुविधा होगी। २,७०० इंजनों में डिवाइस लगाए जा चुके हैं, जिससे ट्रेनों के पल-पल की जानकारी मिलेगी।

२,७०० इलेक्ट्रिक इंजन में लगे डिवाइस
पहले चरण में रीयल टाइम इंफॉर्मेशन सिस्टम २,७०० इलेक्ट्रिक इंजनों में लगाए जा चुके हैं। दूसरे चरण में ६,००० इंजनों में लगाए जाएंगे। सभी इंजनों में लग जाने से यह पूरी तरह से काम शुरू कर देगा।
इसरो करेगा निगरानी
रेलवे की पहल पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ट्रेनों की जीपीएस के आधार पर निगरानी करेगा। इसरो ने सैटेलाइट के जरिए इस पर कार्य करना भी शुरू कर दिया है।
अभी ऐसे मिलती है ट्रेनों की लोकेशन
नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम में ट्रेन जब यार्ड या स्टेशन पर प्रवेश करती है तो समय का डाटा कंट्रोल रूम में बैठा कंट्रोलर सिस्टम पर फीड करता है। इससे केवल अभी स्टेशन से स्टेशन की लोकेशन पता चलती है।