Wednesday, November 13, 2024

राज्यवायरल न्यूज़

पुष्कर की बुलेट ट्रेन से पिछड़ी हरीश की छुकछुक गाड़ी

Uttarakhand News इसमें कोई दो राय नहीं कि जो दीखता है वही बिकता है। बात चुनाव की हो तो जो प्रत्याशी ज्यादा आक्रामक , सक्रिय , और जोश से लबरेज़ दिखेगा जनता उसके पीछे हो लेगी। महज़ पांच सीटों वाले उत्तराखंड में भाजपा जहाँ बुलेट रफ़्तार में चुनावी प्रचार करती नज़र आ रही है वहीँ कांग्रेस की छुकछुक गाड़ी स्पीड ही नहीं पकड़ पा रही है। दिग्गजों का रेला जहाँ बीजेपी में दिख रहा है तो कांग्रेस में अभी तक आगाज़ भी नहीं हुआ है।

एक तरफ जहाँ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रैली कर प्रदेश भर में लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी के लिए समर्थन मांग रहे हैं वहीं दूसरी तरफ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हरिद्वार में रोड शो किया ।उत्तराखंड गढ़वाल क्षेत्र की तीन लोकसभा सीटों पर चुनाव प्रचार गरमाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर देवभूमि आएंगे। 12 अप्रैल को ऋषिकेश में उनकी चुनावी रैली हो सकती है।

 

 

कांग्रेस की कमज़ोरिया बनी भाजपा की ताक़त Uttarakhand News

पहले फेज़ के मतदान में सभी पांचों सीटों पर मतदान होगा जिसमें दिन चंद बचे हैं इंडिया गठबंधन की तरफ से प्रदेश में अखिलेश यादव , टीम केजरीवाल और अन्य दलों का दमखम अभी दीखता नज़र नहीं आ रहा है तो वहीँ लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी का प्रचार जोर पकड़ने लगा है।

भाजपा के स्टार प्रचारक और दिग्गज नेता चुनाव रण में उतरने लगे हैं। पीएम मोदी ने ऊधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर में बीते दिनों चुनावी रैली की। प्रधानमंत्री मोदी गढ़वाल की तीन लोकसभा सीट पौड़ी, टिहरी व हरिद्वार में प्रचार गरमाने के लिए 12 अप्रैल को ऋषिकेश में चुनावी रैली कर सकते हैं।

12 अप्रैल को योग नगरी आएंगे पीएम मोदी !

जबकि बात कांग्रेस की करें तो न शीर्ष लीडरशिप का फिलहाल न कोई कार्यक्रम लगा और न ही अभी तक कांग्रेस का खेमा मोर्चे पर हुंकार भरता दिख रहा है। हालांकि प्रत्याशियों ने ही खुद अपने चुनाव का मोर्चा सम्हाला हुआ है और निजी स्तर पर प्रचार में जुटे हैं। जोत सिंह गुनसोला हों या गणेश गोदियाल या फिर हरदा पुत्र सभी अपनी सियासी गुणा गणित को फिट करने में लगे हैं जिसमें दिग्गजों का अभाव भी दिख रहा है।

 

बीते दिनों दलबदल भी खूब हुआ और भाजपा का घर कांग्रेस नेताओं की आमद से भर गया है जिसका खामियाज़ा भी कांग्रेस को मानसिक और वैचारिक तौर पर भी होता नज़र आ रहा है। देखते हैं कि मैदान में ताबड़तोड़ बैटिंग कर रही भाजपा के लिए सुस्ती में सियासत कर रही कांग्रेस कितना चुनौती पेश कर पायेगी।