Saturday, November 2, 2024

राज्य

होली के गुलाल से सजी पहाड़ों की रानी शिमला

इस बार होलिका दहन से लेकर होली तक होंगे गाने-बजाने के कार्यक्रम, बच्चों के लिए पिचकारियां बनी आकर्षण का केंद्र

शिमला
कोविड के दौर में लॉकडाउन की शर्तों के साथ गई दो होली पर्व के बाद इस बार मिली छूट में लोगों में होलीत्सव मनाने का क्रेज खूब बना हुआ है। राजधानी भी विभिन्न रंगों व गुलाल से सज चुकी है। इस बार होली पर्व में रंगारंग कार्यक्रमों के अलावा होलिका दहन से लेकर होली पर्व तक नाना प्रकार के आयोजनों का दौर चलेगा। रंगों के प्रतीक होली पर्व को मनाने के लिए राजधानी के बाजारों में बच्चों से लेकर बड़ों के लिए विभिन्न प्रकार के रंगों के साथ गुलाल की भरमार लगी हुई है। बच्चों के लिए प्रैशर टैंक, भीम, बड़े व छोटे पंप, गुब्बारे, आसमान से स्पे्र करने वाले शॉट्स, सिल्वर, गोल्डन व पक्के रंग वाले कलर के साथ टोपी और अन्य प्रकार के कई उत्पाद बाजारों की शोभा बढ़ा रहे हैं।

लोगों का कहना है कि दो सालों से होली पर्व नहीं मना सके है, लेकिन इस बार होली पर्व को वह मनाएंगे। होली पर्व को लेकर शिमला में गुप्ता परिवार द्वारा कार्यक्रम का बड़े स्तर पर आयोजन किया जाता है, जो पिछले दो सालों से नहीं हो पा रहा है। लेकिन इस बार कॉटनमारी के चेयरमैन, प्रधान व अन्य पदाधिकारी होली का जश्न गुरूवार से होलिका दहन से मनाना शुरू करेंगे, जोकि शुक्रवार को होली उत्सव तक जारी रहेगा।

फव्वारे वाले गन शॉट्स की खूब मांग
इस बार बच्चों के लिए विशेष रूप से फव्वारे वाले गन शॉट्स भी मार्किट में खूब भरमार है। यह शॉट्स आसमान में जाएंगे और वापस में आकर स्प्रे करेंगे, जिसे लेकर बच्चों में खासा क्रेज बना हुआ है और इसकी बच्चे खूब खरीददारी कर रहे है।

स्पेशल टोपी की भी धमक
बाजार में इस बार विशेष प्रकार की टोपी भी उपलब्ध है, जो कई रंगों से बनी हुई है। यह टोपी ऊपर से गिरने वाले गुब्बारों व पानी आदि से बचाएगी, जिसकी भी मार्किट में खूब डिमांड बनी हुई है। दादा-परदादा के समय से काम करने वाले परस राम एंड सन्ज के दुकानदार ने बताया कि मार्किट में जो गुलाल आता है, वह दिल्ली से लाया जाता है। असली गुलाल तो फूलों से बनता है और जो बाजार में गुलाल आता है, उसे अरारोट का बनाया जाता है।
ऐसे करें स्किन केयर
आईजीएमसी के त्वचा रोग विभाग के एचओडी डाक्टर जीके वर्मा ने बताया कि होली में इस्तेमाल होने वाले रंगों में धातु रासायनिक पदार्थ कांच के टुकड़े एवं कीटनाशक हो सकते है, जिनसे त्वचा में कई तरह की एलर्जी हो सकती है। ऐसे में इन रंगों के इस्तेमाल से बचना चाहिए। यही नहीं रंगों से आंखों के रोगों कंजेक्टिवाइटिस, कार्नियल घर्षण भी हो सकते है। ऐसे में त्वचा को माइश्चराइज एवं सनस्क्रीन लगाकर बाहर निकले, बालों को बांधकर ही होली खेले।
होली पर उमड़ेंगे सैलानी
वीकेंड पर होली की छुट्टियों के चलते पहाड़ों की रानी शिमला सैलानियों से गुलजार नजर आएगी। होली मनाने भारी संख्या में सैलानी शिमला का रुख करेंगे। 17 से 20 मार्च तक छुट्टियां पड़ रही हैं, जिसके लिए सैलानियों ने होटलों में कमरों की एडवांस बुकिंग करवानी शुरू कर दी है। चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से भारी संख्या में सैलानियों के होली की छुट्टियों में शिमला पहुंचने की उम्मीद है।