दिव्य प्रभात के पोर्टल में विज्ञापन लगवाए और अपने व्यवसाय को पहुंचाएं आसमान की ओर एवं दिव्य प्रभात के व्हाट्सएप ग्रुप से अभी जुड़े 9458877900R. S TRADERS (GROVERS MOBILE)BS NAME HI KAFHI HAI PURE CITY ME JAHA SAB TARAH KI MOBILE KI ACC. MILTHI HAI ADD. NIKAT BALAJI CHOWK RAJ MAHAL KE BRABAR GALI MERs traders जहां आपकोmobileकी सारी ऐसी सीरीज बहुत ही आसान दाम में arthat reasonable rate mein में मिल जाएगी.address निकट बालाजी चौक मंदिर के पास वाली गली में जो आपको मोबाइल की सारी एसएस सीरीज के साथ बहुत ही अच्छे दाम में बहुत सारी वैरायटी के साथ अपने स्टाइल को बनाए कूल कुछ ब्रांडेड चीजें अपनाकर अपनी लाइफ को अपडेट करके चेंज करें ग्रोवर मोबाइल के साथ बाकी जानकारी के लिए इस नंबर पर संपर्क करें मोबाइल number +917060441444, इन सब चीजों का आनंद पाएं only on Grover mobile.कुछ अमेजिंग प्रोडक्ट्स पर नजर डालेंगे
UBON STREET BEATS
UBON AIR SHARK WIRELESSEARPHONE
Read this news
गरुड़ प्रकाशन से दिल्ली दंगों पर आएगी किताब, कट्टरपंथियों के दबाव में झुक गया था ब्लूम्सबरी
ब्लूम्सबरी (Bloomsbury) प्रकाशन समूह दिल्ली दंगों पर आधारित किताब Delhi Riots 2020: The Untold Story प्रकाशित करने वाला था। लेकिन इस्लामी और वामपंथियों के दबाव में आकर उसने किताब का प्रकाशन रोक दिया। अब इस किताब को गरुड़ प्रकाशन समूह प्रकाशित करेगा। इस किताब की लेखिका मोनिका अरोड़ा, सोनाली चितालकर और प्रेरणा मल्होत्रा हैं।
बीते दिन (22 अगस्त 2020) इस किताब के वर्चुअल विमोचन के दौरान ब्लूम्सबरी यूके मुख्यालय से दबाव बनाया गया। जिसके बाद प्रकाशन समूह ने अचानक ही किताब प्रकाशित करने से मना कर दिया था।
किताब की लेखिका मोनिका अरोड़ा ने इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लोगों को भावना देखते हुए उन्होंने फैसला किया है कि गरुड़ प्रकाशन समूह के साथ जाएँगे। यह फ़िलहाल स्टार्टअप की तरह चल रहा है। लेखिका ने ब्लूम्सबरी प्रकाशन समूह को इस संबंध में मेल भी किया था। लेकिन वहाँ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने के बाद उन्होंने यह फैसला किया। मेल में उन्होंने साफ़ तौर पर पूछा कि क्या वह इस किताब का प्रकाशन रोक रहे हैं? वह इस बात को लिखित में दें लेकिन ब्लूम्सबरी ने फोन पर ही इस बात की जानकारी दी। यानी समझौता ख़त्म करने के लिए कोई लिखित कार्रवाई नहीं की गई।
किताब की लेखिका मोनिका अरोड़ा ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट कर भी जानकारी दी। ट्वीट में उन्होंने लिखा “निवेदन के बाद हमसे से लिखित तौर पर कोई संवाद नहीं किया गया। हम अपनी किताब की हत्या नहीं कर सकते हैं, लोग इस किताब को खरीदना चाहते हैं। हमारे पास दूसरे प्रकाशन समूह को स्वीकार करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचता है।”
इस बात की पुष्टि करते हुए गरुड़ प्रकाश ने भी ट्वीट किया। साथ ही उन्होंने किताब की लेखिका मोनिका अरोड़ा का आभार भी जताया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, “दोस्तों! आप सभी के सहयोग के लिए धन्यवाद। आइए इस किताब को घर-घर तक पहुँचाते हैं।” इसके बाद प्रकाशन समूह ने ट्वीट करके यह जानकारी भी दी कि किताब हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषा में विमोचित की जाएगी। जल्द ही यह किताब उपलब्ध कराई जाएगी।उल्लेखनीय बात यह रही कि जैसे ही ब्लूम्सबरी ने किताब छापने से मना कर किया गरुड़ प्रकाशन समूह ने इसे प्रकाशित करने का प्रस्ताव दिया था।
पूरी किताब The book of ‘Delhi Riots 2020: The Untold Story इसकी लेखिकाओं द्वारा की गई जाँच – पड़ताल और साक्षात्कार पर आधारित है। अगले महीने यह किताब प्रकाशित होनी थी। किताब की 100 प्रतियाँ लेखिका को उपलब्ध भी कराई जा चुकी थी। इसके अलावा किताब अमेज़न पर प्री ऑर्डर के लिए उपलब्ध भी थी। लेकिन जैसे ही लेखिकाओं ने भाजपा नेता कपिल मिश्रा की मौजूदगी में वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए किताब विमोचन की बात कही, वैसे ही कॉन्ग्रेस समेत तमाम वामपंथी नेताओं ने इसके विरोध में अभियान चलना शुरू कर दिया।
विलियम डेलरीमैपल जैसे वामपंथी इतिहासकारों की टीका टिप्पणी और आक्षेप के बाद ब्लूम्सबरी ने किताब प्रकाशित करने से मना कर दिया। ऐसा करने से पहले उन्होंने किताब की लेखिका को सूचित करना भी ज़रूरी नहीं समझा। गरुड़ प्रकाशन एक भारतीय प्रकाशन समूह है। इसकी शुरुआत संक्रांत सानू ने की थी और इसमें उनके साथ थे अंकुर पाठक। हाल ही में इस प्रकाशन समूह ने विवेक अग्निहोत्री की अर्बन नक्सल का प्रकाशन किया था।
ब्लूम्सबरी इंडिया ने जिहादियों, वामपंथियों के दबाव में दिल्ली दंगे से जुड़ी किताब का प्रकाशन किया निरस्त
August 23, 2020
प्रकाशक ब्लूम्सबरी इंडिया ने मोनिका अरोरा, सोनाली चितलकर और प्रेरणा मल्होत्रा की की पुस्तक ‘Delhi Riots 2020: The Untold Story’ के प्रकाशन को वापस लेने का फैसला किया है। उन्होंने इसके पीछे का एक कारण उनकी जानकारी के बिना लेखकों द्वारा आयोजित किए गए वर्चुअल प्री-पब्लिकेन इवेंट लॉन्च करने को बताया। प्रकाशक ब्लूम्सबरी इंडिया ने यह बातें एक प्रेस रिलीज जारी करके कहा।
ब्लूम्सबरी इंडिया ने कहा कि उन्होंने लेखकों द्वारा की गई जाँच और इंटरव्यू के आधार पर सितंबर 2020 में पुस्तक को जारी करने की योजना बनाई थी, लेकिन अब उन्होंने अपने फैसले को रद्द कर दिया है।लेखकों द्वारा हमारी जानकारी के बिना आयोजित एक वर्चुअल प्री-पब्लिकेन इवेंट लॉन्च सहित हाल ही की घटनाओं को देखते हुए, हमने पुस्तक के प्रकाशन को वापस लेने का फैसला किया है।”पुस्तक के प्रकाशन को वापस लेने का निर्णय सोशल मीडिया पर प्रमुख ’बुद्धिजीवियों’ के नेतृत्व वाली वामपंथी उग्र भीड़ के विरोध के बाद आया, जिसने पब्लिकेशन हाउस पर ऐसा निर्णय लेने के लिए पर दबाव डाला था। आक्रोशित वामपंथी भीड़ में विवादास्पद अभिनेत्री स्वरा भास्कर और अन्य प्रख्यात ‘पत्रकारों’ और ‘बुद्धिजीवियों’ जैसे कई व्यक्तित्व शामिल थे।दक्षिण एशिया सॉलिडैरिटी इनिशिएटिव ने भी ब्लूम्सबरी इंडिया को पुस्तक का प्रकाशन वापस लेने के लिए धमकी दी। बता दें कि दक्षिण एशिया सॉलिडैरिटी इनिशिएटिव के इस्लामवादियों से संबंध हैं। इसने हाल ही में न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर में राम मंदिर भूमि पूजन के अवसर पर ‘हिंदू फासीवादियों’ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था।कॉन्ग्रेस समर्थकों ने भी ब्लूम्सबरी इंडिया को किताब वापस लेने के लिए उकसाया।
बता दें कि पुस्तक के प्रकाशन को वापस लेने के कारणों में से एक के रूप में उद्धृत किए जाने वाले कार्यक्रम में भाजपा नेता कपिल मिश्रा और ऑपइंडिया इंग्लिश की एडिटर-इन-चीफ नूपुर शर्मा ने भाग लिया था, जिससे वामपंथी भीड़ के बीच भारी रोष था।
ब्लूम्सबरी इंडिया ने लिबरलों, कॉन्ग्रेस समर्थकों और इस्लामवादियों की उग्र भीड़ के दबाव में रहते हुए दावा किया कि वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन करता है। उनका कहना है कि उन्होंने पुस्तक के प्रकाशन का फैसला इसलिए वापस ले लिया, क्योंकि वो ‘समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को लेकर काफी सचेत हैं।’