Friday, November 22, 2024

अंतरराष्ट्रीय

तबाही व मुसीबत का साल 2020

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नए साल की शुरुआत में यह यह शुभकामनाएं करते हैं यह लोगों की जिंदगी में नई खुशियां लेकर आए। हर नया दुनियाभर के लोगों में नई उमंग, नए उत्साह व नई उम्मीदें जगाने वाला माना जाता है। इसलिए नव वर्ष साल का स्वागत पूरे धूम-धड़ाके के साथ हम करते भी हैं। पर सन २०२० अब तक हमारी सारी उम्मीदों पर पानी फेरने वाला दिख रहा है। दुनिया ने इस साल के ६ महीने में ही कई आपदाएं, मुसीबतें और परेशानियां देख ली हैं।

आस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग का असर न्यूजीलैंड तक पड़ा। हिमालय में भी ग्लेशियर पिघले। फिलीपींस की राजधानी मनीला में एक छोटे से ज्वालामुखी की राख ने तबाही मचा दी। दुबई और इंडोनेशिया में बाढ़ का प्रकोप हुआ। अल सल्वाडोर में अमांडा तूफान ने तबाही मचाई। ब्राजील व अन्य दक्षिण अमेरिकी देशों में फैले अमेजन वर्षा वन में भयंकर आग लगी। अमेरिका के कई प्रांतों में तूफान ने कोहराम मचाया। अभी भी यह कहर जारी है। साथ ही नस्लीय भेदभाव से जुड़ी हिंसा व व उथल पुथल की वजह से अमेरिका के १४० शहरों में कर्फ्यू लगाना पड़ा। हिंदुस्थान व बांग्लादेश आदि में तूफान ने कहर ढाया। और इनके साथ जनवरी से ही पूरी दुनिया कोरोना वायरस का कहर देख रही है। अब तक इससे दुनिया के लगभग १८० देशों के लगभग ७६ लाख लोग संक्रमित हो चुके हैं। जबकि ४ लाख २३ हजार लोगों की मृत्यु हो चुकी है।

वैसे तो नास्त्रेदमस ने तो ५०० साल पहले ही सन २०२० के विनाशकारी होने की चेतावनी दे दी थी। उनकी भविष्यवाणियों के मुताबिक कुछ इस तरह की घटनाएं होने की आशंका है- कई देशों में आपस में टकराव बढ़ जाएंगे और दुनिया के सामने शताब्दी का सबसे बड़ा आर्थिक संकट आ सकता है। दुनिया के बड़े देशों में गृह युद्ध जैसे हालात हो जाएंगे और लोग सड़कों पर उतर आएंगे। दंगे होने लगेंगे। रूस में किसी बड़े नेता की हत्या की कोशिश की जा सकती है। जिससे भारी उथलपुथल मचेगी। जबकि अमेरिकी के राष्ट्र प्रमुख को निजी तौर पर बड़ा नुकसान होने की आशंका है। सन २०२० के दौरान तीसरे विश्व युद्ध की आशंका भी जताई गई है। नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों का समर्थन वर्तमान ज्योतिषीय गणनाओं ने भी किया है। वैसे तो सूर्य या चंद्र ग्रहण को एक अंतरिक्षीय प्रक्रिया माना जाता है। लेकिन ज्योतिष के अनुसार ग्रहण के दौरान आसुरी या तामसिक शक्तियां प्रबल होने के साथ और दैवीय शक्तियां कमजोर हो जाती हैं। ये स्थिति मानवता के लिए घातक साबित होती है। सन २०२० ग्रहण का वर्ष है। कुल ६ ग्रहणों के साथ पूरा साल ग्रहणमय है। और इन ग्रहणों की छाया में दुनिया के हर हिस्से संभवित हैं। यानी कि पूरी दुनिया की मानव जाति को समस्याओं, मुसीबतों व संकटों का सामना भुखमरी, बीमारी, आर्थिक संकट, महामारी, विश्व-युद्ध, प्राकृतिक आपदाओं के रूप में करना पड़ेगा।

सन २०२० के प्रारंभ से ठीक पहले २६ दिसंबर २०१९ को पूर्ण सूर्यग्रहण लगा था। इस दौरान पांच ग्रहों सूर्य, चंद्र, गुरु, शनि व केतु की युति बनी थी. सूर्य, चंद्रमा का ग्रहण दोष, चंद्र, शनि का विष योग, सूर्य, चंद्र, शनि, केतु का पितृदोष था। तब इसे बुरा माना गया था पर किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। लेकिन इसके तुरंत बाद दिल्ली में दंगे होने लगे और फरवरी-मार्च का महीना आते आते कोरोना वायरस चीन से निकलकर पूरी दुनिया में फैल गया। तब जाकर इस पूर्ण सूर्यग्रहण का खतरनाक प्रभाव समझ में आया।

हिंदुस्थान की बात करें तो कोरोना के साथ देश टिड्डी दल व तूफानों के भी निशाने पर है। हाल ही में पश्चिम बंगाल और ओडिशा में अम्फान तूफान ने तबाही मचाई थी। पिछले दिनों अरब सागर में उठे निसर्ग तूफान ने सबसे पहले रायगड पर धावा बोला। ६ लोग मारे गए, १६ घायल हुए। दर्जनों पेड़ व बिजली के खंभे गिर गए। रायगड जिले का एक हिस्सा अंधेरे में डूब गया। टेलीफोन संपर्क भी बाधित रहा।
पाकिस्तान से टिड्डी दल की घुसपैठ राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश में हुई। इस वजह से किसानों में डर का माहौल है। टिड्डी दल कपास की खड़ी फसलों और सब्जियों को बड़ी क्षति पहुंचाते हैं। टिड्डी दल लाखों-करोड़ों की संख्या में आते हैं और एक ही रात में सब फसल चट कर जाते है. एक वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करने वाला टिड्डियों का झुंड एक दिन में ३५,००० लोगों का भोजन खा सकता है।
२०२० की पनौती फिलीपीन्स के मनीला में साल की शुरुआत से प्रारंभ हुई। ताल ज्वालामुखी को वैसे तो इसे दुनिया के सबसे छोटे ज्वालामुखी में गिना जाता है लेकिन इसकी राख ने काफी तबाही मचाई थी। ऑस्ट्रेलिया के जंगल में लगी आग में कई करोड़ जानवर मौत के मुंह में समा गए। और इसी आग के कारण न्यूजीलैंड में मौजूद ग्लेशियर्स सफ़ेद से भूरे हो गए। आग के कारण ये तेजी से पिघलने लगे। बताया गया कि आग के कारण ये ग्लेशियर्स तीस गुना तेजी से पिघला।

हिमालय में ग्लेशियर्स के पिघलने के कारण तेजी से हरियाली छा रही है। जो कि अच्छी बात नहीं है। इससे बाढ़ का खतरा बढ़ता है। पानी की कमी वाले दुबई में इस साल के शुरआती महीने में ही बाढ़ के हालात बन गए। बाढ़ यहां हुई जबरदस्त बारिश के कारण आई थी। इस साल इंडोनेशिया को भी सदी की सबसे खतरनाक बाढ़ का सामना करना पड़ा। इससे जकार्ता सबसे अधिक प्रभावित हुआ। कई लोगों की जान भी गई। अमेजन का जंगल दुनिया का सबसे बड़ा रेन फॉरेस्ट-वर्षावन है। दुनिया का २० फीसदी ऑक्सीजन यहीं से आता है, इसलिए इसे ‘पृथ्वी का फेफड़ा’ भी कहते हैं। ये दुनिया की जलवायु का संतुलन बनाए रखने में बेहद अहम भूमिका अदा करते हैं। ये वर्षा वन ग्लोबल वॉर्मिंग की चुनौती से लड़ने में भी दुनिया की मदद करते हैं। दक्षिणी अमेरिका के कोलंबिया, पेरू व अन्य देशों से लेकर तकरीबन पूरे उत्तर पश्चिम ब्राजील तक २.१ मिलियन वर्गमील में फैले इस जंगल के बारे में कहा जाता है कि अगर ये कोई देश होता, तो दुनिया का ९वां सबसे बड़ा देश होता। यहां जैव-विविधताओं- बायोडायवर्सिटी का भंडार है। लेकिन कोरोना वायरस की महामारी का दुष्प्रभाव इस पर भी पड़ा है। वर्ष २०२० के पहले चार महीनों में अमेज़न जैविक क्षेत्र में वनों के विनाश में, पिछले साल के मुक़ाबले ५५ फ़ीसद का इज़ाफ़ा देखा गया है। क्योंकि कोरोना वायरस की महामारी से पैदा हुए हालात का फ़ायदा उठा कर बहुत से लोग अवैध तरीक़े से जंगलों को साफ़ कर रहे हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि अमेज़न जैविक क्षेत्र को होने वाली क्षति की रफ़्तार इतनी तेज़ है कि जल्द ही हम तबाही के ऐसे मुहाने पर खड़े होंगे, जहां से लौट पाना मुश्किल होगा।
इस साल अमेरिका के विभिन्न हिस्सों में आए तूफान ने भी जमकर तबाही मचाई। जनवरी में टेक्सास में आए तूफान में ११ लोग मारे गए। मार्च में टेनेसी में तूफान ने २५ लोगों को लील लिया। ईस्टर के मौके पर अप्रैल में मिसिसिपी, उत्तर पश्चिम जॉजिर्‍या, अर्कन्सास, दक्षिण कैरोलिना, टेक्सास, लुइसियाना, अलबामा व टेनेसी में आए तूफानों की चपेट में २ दर्जन लोगों की जान गई। अभी भी उष्ण कटिबंधीय तूफान क्रिस्टोबल से अलबामा, फ्लोरिडा पर असर पड़ा है। जार्ज फ्लॉयड के मामले से अमेरिका में नस्लीय हिंसा बढ़ गई और १४० शहरों में कर्फ्यू लगाना पड़ा। अल सल्वाडोर में भी अमांडा तूफान ने तबाही मचाई है।

अभी तो सन २०२० का आधा भी नहीं बीता है। तबाही अभी भी जारी है। अभी तो ६ महीने से ज्यादा समय बाकी है। इसलिए हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि हे ईश्वर आप सन २०२० को तबाही व संकट की छाया से बचाइए।