Sunday, November 24, 2024

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IDM कांग्रेस से होगा उत्तराखंड को फायदा : सीएम पुष्कर

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आपदा प्रबंधन पर छटवीं विश्व कांग्रेस का आयोजन उत्तराखण्ड में किया जायेगा। यह आयोजन 28 नवम्बर से 01 दिसम्बर तक देहरादून में प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस छटवें वैश्विक सम्मेलन की विवरणिका का विमोचन किया। उत्तराखण्ड में होने वाली इस आपदा प्रबंधन कांग्रेस का विषय ‘STERNGTHENING CLIMATE ACTION & DISATER RESILIENCE’ है। आपदा प्रबंधन के लिए नवाचार, सहयोग एवं संचार पर इस विश्व कांग्रेस में प्रमुखता से चिंतन एवं मंथन होगा। इस विश्व कांग्रेस में पर्वतीय पारिस्थितिकी एवं संचार पर विशेष रूप से फोकस किया जायेगा।

 

Disaster Managment Congress उत्तराखण्ड को एक नई पहचान मिलेगी – CM

Disaster Managment Congress मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड में आपदा प्रबंधन का छटवां वैश्विक सम्मेलन होने से वैश्विक स्तर पर देवभूमि उत्तराखण्ड को एक नई पहचान मिलेगी। इस सम्मेलन में विशेषज्ञों द्वारा आपदा न्यूनीकरण, जन-धन की हानि कैसे कम से कम हो और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के प्रयोग पर गहनता से विचार-विमर्श किया जायेगा। उन्होंने अपेक्षा की कि विभिन्न कारणों से नदियां जब रास्ता बदलती हैं, तो इससे भी काफी जन-धन की हानि होती है, इस पर भी सम्मेलन में विशेषज्ञों द्वारा चर्चा की जायेगी।

Disaster Managment Congress मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड आपदाओं की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है। जलवायु परिवर्तन के कारण आपदाओं के स्वरूप में भी परिवर्तन हो रहा है, और अब आपदायें केवल मानसून अवधि तक सीमित नहीं रह गयी हैं। उन्होंने कहा कि देहरादून में होने वाले आपदा प्रबन्धन का छठे वैश्विक सम्मेलन में निश्चित ही विश्वभर के विशेषज्ञ एवं पर्वतीय क्षेत्रों में आपदा प्रबन्धन के क्षेत्र में कार्य कर रहे लोग प्रतिभाग करेंगे और इससे राज्य उनके अनुभवों का लाभ उठा पायेगा।

Disaster Managment Congress मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज ही के दिन एक दशक पूर्व श्री केदारनाथ में भीषण प्राकृतिक आपदा आई थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व श्री केदारनाथ धाम के मास्टर प्लान से पुनर्निर्माण के कार्य तेजी से हुए हैं। भव्य एवं दिव्य केदारपुरी के निर्माण के लिए अनेक कार्य किये जा रहे हैं। पिछले 09 सालों में श्री केदारनाथ में तेजी से पुनर्निर्माण के कार्य किये गये हैं।