Thursday, October 10, 2024

अंतरराष्ट्रीय

भारत को फिर मिला रूस का साथ, UNSC में स्थायी सदस्यता का किया समर्थन

मॉस्को। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में स्थायी सदस्यता के लिए भारत का समर्थन किया है। विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि भारत ने वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर अपने रुख के साथ परिषद में अहम भूमिका निभाई है।
लावरोव ने 7 दिसंबर को मॉस्को में प्रिमाकोव रीडिंग इंटरनेशनल फोरम में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए ये कहा ‘मुझे लगता है कि भारत वर्तमान में आर्थिक विकास के मामले में अग्रणी देशों में से एक है। इसकी आबादी जल्द ही किसी भी अन्य देश की तुलना में बड़ी होगी। भारत के पास विभिन्न प्रकार की समस्याओं को सुलझाने में विशाल राजनयिक अनुभव है।’
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र के साथ-साथ शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के भीतर दक्षिण एशिया में एकीकरण संरचनाओं की एक श्रृंखला में सक्रिय भूमिका निभाता है। इससे पहले लावरोव ने इस साल सितंबर में 77वें संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए कहा था कि अगर अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के देशों को शामिल किया जाता है तो सुरक्षा परिषद अधिक लोकतांत्रिक होगी।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि भारत और ब्राजील को परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए शामिल किया जाना चाहिए। रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और ब्राजील जापान और जर्मनी के साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शामिल होने के लिए अपने आवेदनों को बढ़ावा दे रहे हैं, जो बहुध्रुवीयता का संकेत है।
इन देशों के लिए भी किया गया समर्थन
15 देशों की परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस ने संयुक्त राष्ट्र निकाय में भारत के लिए स्थायी सीट का समर्थन किया है। इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र में यूके के राजदूत बारबरा वुडवर्ड ने कहा, ‘हम भारत, जर्मनी, जापान और ब्राजील के लिए नई स्थायी सीटों के निर्माण के साथ-साथ परिषद में स्थायी अफ्रीकी प्रतिनिधित्व का समर्थन करते हैं।’
संयुक्त राष्ट्र महासभा की पूर्ण बैठक को ‘सुरक्षा परिषद की सदस्यता और सुरक्षा परिषद की सदस्यता में वृद्धि और वृद्धि के प्रश्न’ पर संबोधित करते हुए, संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस के उप स्थायी प्रतिनिधि ने कहा कि ‘फ्रांस की स्थिति स्थिर है और सर्वविदित है। हम चाहते हैं कि परिषद आज की दुनिया का और अधिक प्रतिनिधित्व करे, एक तरह से जो इसके अधिकार और प्रभावशीलता को और मजबूत करे।’