भारत की दो-टूक, आतंकवाद और शत्रुता मुक्त वातावरण बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की
नई दिल्ली। भारत ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद और शत्रुता मुक्त वातावरण बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है। सरकार ने गुरुवार को संसद में कहा कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी की तरह संबंधों की इच्छा रखता है लेकिन इसके लिए आतंक और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद की है।
मांंगा गया था सरकार का पक्ष
दरअसल विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन (V Muraleedharan) से राज्यसभा में मीडिया रिपोर्टों पर पक्ष रखने की मांग की गई थी जिनमें कहा गया है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के सलाहकार ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार संबंधों (Bilateral trade ties with India) को फिर से शुरू किए जाने का समर्थन किया है।
जिम्मेदारी पाकिस्तान पर…
वी. मुरलीधरन (V. Muraleedharan) ने कहा कि सरकार का पहले से ही नजरिया रहा है कि भारत पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी की तरह संबंध चाहता है। भारत आतंकवाद, शत्रुता और हिंसा से मुक्त माहौल में द्विपक्षीय और शांतिपूर्ण तरीके से मुद्दों को हल करने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन इस तरह का अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान पर निर्भर करती है।
भारत ने आतंकी कैंपों को बनाया था निशाना
सनद रहे कि भारत ने पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में फरवरी 2019 में पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी प्रशिक्षण शिविरों को निशाना बनाया था। भारत की एयर स्ट्राइक में कई आतंकी मारे गए थे। इस वाकए के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हो गए थे।
द्विपक्षीय व्यापार भी कर दिया था निलंबित
यही नहीं जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद संबंध और खराब हो गए थे। अगस्त 2019 में पाकिस्तान ने भारत से द्विपक्षीय व्यापार को भी निलंबित कर दिया था। हालांकि बाद में कुछ फार्मास्युटिकल उत्पादों के व्यापार की अनुमति देकर व्यापार पर प्रतिबंधों में आंशिक रूप से ढील दी थी।
बातचीत तभी जब शांति कायम रहे
भारत सरकार का शुरू से मानना रहा है कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं जारी रह सकते हैं। हाल ही में केंद्रीय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने स्पष्ट किया था कि पाकिस्तान के साथ बातचीत तभी हो सकती है जब बंदूकें शांत होंगी। भारत की ओर से बार बार यह स्थिति दोहराई गई है।