बैतूल. शासन की योजना के तहत बकाया बिलों पर 15 दिसंबर तक छूट का लाभ दिया जा रहा है। ऐसे में इस अवसर का लाभ लेने के लिए महज एक सप्ताह का समय शेष बचा है, अगर आप शासन की इस योजना का लाभ सात दिन के अंदर नहीं उठा पाए, तो निश्चित ही आपको फिर इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा, वहीं जो बकाया बिल आपका शेष बचा है, वह जनवरी के बिल में जुड़ आकर आ जाएगा।लॉकडाउन अवधि में तीन महीने तक बिजली बिल जमा नहीं करने वाले उपभोक्ताओं से अब विद्युत कंपनी द्वारा समाधान योजना के तहत बकाया बिजली बिलों की वूसली की जा रही है। शहर के सात हजार से अधिक बिजली उपभोक्ताओं पर 69 लाख रुपए से अधिक बिजली बिल की राशि बकाया होना बताया जा रहा है। इसकी वसूली के लिए कंपनी द्वारा अब मोहल्लों में शिविर लगाने की तैयारी कर रही है।जानकारी के अनुसार लॉकडाउन के दौरान तीन महीने कारोबार बंद होने के कारण बिजली बिलों में राहत प्रदान करते हुए प्रदेश सरकार ने बिल वसूली को स्थगित कर दिया था, लेकिन अब कंपनी बकाया राशि की वसूली कर रही है। योजना में बकाया बिजली बिल को भरे जाने के लिए उपभोक्ताओं को दो विकल्प दिए गए हैं। 15 दिसंबर तक इन दोनों में से किसी एक विकल्प को चुनना होगा। यदि उपभोक्ता राशि जमा करने के लिए विकल्प नहीं चुनता है तो विद्युत कंपनी द्वारा दिसंबर माह के बाद जो बिलिंग की जाएगी उसमें बकाया राशि को जोड़ दिया जाएगा। ऐसे में उपभोक्ता को भारी भरकम बिजली बिल चुकाना पड़ सकता है।शहर को विद्युत कंपनी द्वारा टाउन-वन और टाउन टू में बांटा गया है। टाउन वन में 3 हजार 819 उपभोक्ताओं पर 35 लाख 4 हजार रुपए का बिजली बिल बकाया होना बताया जा रहा है। वहीं टाउन -टू में 3 हजार 506 उपभोक्ताओं पर 34 लाख 63 हजार रुपए बिजली बिल बकाया होना बताया जा रहा है। विद्युत कंपनी द्वारा लॉक डाउन के दौरान बिजली बिलों की वसूली नहीं की गई थी। ताकि उपभोक्ताओं को राहत मिल सके। चूंकि कोरोना को लेकर लगाई गई सभी पाबंदियां हट चुकी है, ऐसे में विद्युत कंपनी द्वारा बकाया बिजली उपभोक्ताओं को राशि जमा किए जाने के लिए कहा जा रहा है। कंपनी ने बकाया राशि जमा किए जाने के लिए समाधान योजना भी लागू कर दी है।100 प्रतिशत अधिभार की छूट उपभोक्ताओं को समाधान योजना में आस्थगित की गई राशि के भुगतान के लिए 2 विकल्प उपलब्ध कराए गए हैं। पहले विकल्प के रूप में आस्थगित मूल राशि का 60 प्रतिशत एकमुश्त भुगतान करने पर 100 प्रतिशत अधिभार की राशि और शेष 40 प्रतिशत मूल बकाया राशि माफ की जाएगी। दूसरे विकल्प के रूप में आस्थगित मूल राशि का 75 प्रतिशत, 6 समान किश्त में भुगतान करने पर 100 प्रतिशत अधिभार की राशि एवं शेष 25 प्रतिशत मूल बकाया राशि माफ की जाएगी। इन दोनों विकल्पों में माफ की जाने वाली 100 प्रतिशत अधिभार की पूरी राशि और माफ की गई मूल राशि का 50 प्रतिशत संबंधित विद्युत वितरण वितरण कंपनी द्वारा वहन किया जाएगा। माफ की गई मूल राशि का शेष 50 प्रतिशत राज्य शासन द्वारा वहन कर इसके एवज में वितरण कंपनी को सब्सिडी दी जाएगी।अंतिम तिथि के बाद में नहीं होगा निराकरण विद्युत वितरण कंपनियों को निर्देशित किया है कि योजना में अंतिम तिथि 15 दिसंबर तक प्राप्त सभी आवेदनों का निराकरण 30 दिन में करना होगा। बिजली उपभोक्ता द्वारा योजना की अंतिम तिथि तक आवेदन प्रस्तुत नहीं करने पर वितरण कंपनी द्वारा आस्थगित की गई राशि का समावेश कर आगामी माह के बिल जारी किए जाएंगे। उन्होंने योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी दिए हैं। वैसे देखा जाए तो योजना का लाभ लेने के लिए किसी भी उपभोक्ता ने कंपनी के दफ्तर में आवेदन नहीं किया है। ऐसे में अंतिम तिथि निकलने के बाद यदि कंपनी बकाया राशि जोड़कर बिजली बिलों में भेजती है तो विवाद की स्थिति भी बनेगी।सात सौ उपभोक्ताओं ने ही समाधान के तहत जमा की बकाया राशिशहर में 7 हजार 325 बिजली उपभोक्ताओं पर 69 लाख 67 हजार रुपए लॉक डाउन के दौरान का बकाया है। विद्युत कंपनी के मुताबिक अगस्त 2020 की स्थिति में यह बकाया राशि है। कंपनी द्वारा बकाया राशि की वसूली के लिए समाधान योजना तो लागू कर दी गई है लेकिन अभी तक योजना का लाभ लेने के लिए ज्यादा उपभोक्ता सामने नहीं आया है। कंपनी के मुताबिक टाउन वन में 200 उपभोक्ताओं ने समाधान योजना के तहत बकाया राशि जमा की है। कुल 2 लाख रुपए अभी तक आए हैं। इसी प्रकार टाउन टू- में 239 उपभोक्ताओं ने योजना के तहत 75 हजार रुपए जमा किए हैं। व्यापारियों की माने तो कारोबार अभी भी मंदा चल रहा हैं। तीसरी लहर की आशंका के चलते कारोबार में फिर से मंदी के आसार नजर आ रहे हैं। ऐेसे में यदि कंपनी द्वारा लॉक डाउन के दौरान बकाया राशि को बिजली बिलों में जोड़कर भेजा जाता है तो बिल भरना भी मुश्किल हो जाएगा। एकमुश्त और किस्तों में राशि जमा किए जाने का प्रावधान सहित अधिभार में छूट दिए जाने का प्रावधान भी रखा गया है।