Saturday, November 2, 2024

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चंद रुपयों में बिक जाती है यहां लड़कियां, हर साल होता है सैंकड़ों किशोरियों का सौदा

प्रशांत बख्शी

कई मामलों में लड़कियों के पिता, रिश्तेदार और सगे संबंधी भी शामिल हैं, लड़कियों को खरीदने बेचने का ये चक्कर सिर्फ मध्यप्रदेश तक ही सीमित नहीं है.गरीबी और बेरोजगारी के बीच आदिवासी इलाकों से किशोरियां गायब हो रही हैं। रोजगार का प्रलोभन देकर किशोरियों को अगवा कर दो से तीन लाख रुपए में बेचा जा रहा है। संभाग में मानव तस्करी के खिलाफ दो बड़ी कार्रवाई के बाद तस्करों के अलग-अलग प्रांतों से तार जुड़े मिले थे। गरीबी के चलते बहकावे में आकर किशोरियां तस्करों के चंगुल में फंस रही हैं। बाद में राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा सहित कई क्षेत्रों में सौदा कर दिया जाता है। गांव-गांव दलाल सक्रिय हैं। पहले आर्थिक मदद कर फंसाते हैं, बाद में तस्करों के हाथ बेच देते हैं। शहडोल क्राइम रेकार्ड के अनुसार, पिछले तीन वर्ष में 500 से ज्यादा किशोरियां गायब हुई हैं। देश के अलग-अलग प्रांतों में किशोरियों को बेचने के मामले सामने आ चुके हैं। कई मामले ऐसे हैं, जो थानों तक ही नहीं पहुंच पाते हैं।दमनदीप, जम्मू, झारखंड और दिल्ली से 300 किशोरियां दस्तयाब

ग्रामीण इलाकों से लगातार गायब हो रही किशोरियों को दस्तयाब करने शहडोल पुलिस अभियान चला रही है। एक साल के भीतर शहडोल पुलिस ने 300 बालिकाओं और किशोरियों को हजारों किमी दूर से दस्तयाब कर घर तक पहुंचाया है। शहडोल क्राइम रेकार्ड के अनुसार, मध्यप्रदेश के अलावा जम्मू कश्मीर, दिल्ली,महाराष्ट्र, गुजरात, दमनदीप, पंजाब, तेलगांना, उड़ीसा, छत्तीसगढ़,यूपी और उत्तराखंड से इन किशोरियों को तलाशा है, जिन्हे अच्छी नौकरी का झांसा देकर दूसरे प्रांत ले जाया गया था।

 

पीड़ा: कराते थे गलत काम, मेरे जैसे कई लड़कियां, रेस्क्यू कर 11 को बचाया

शहडोल के गोहपारू निवासी पीडि़ता कहती है, आरोपी पहले प्रलोभन देकर ले जाते हैं। बाद में गलत काम में ढकेल देते हैं। किशोरी को रोजगार के नाम पर विदिशा ले जाया गया था। कुछ दिनों तक मजदूरी कराई गई, फिर गलत काम कराने लगे। बाद में 50 हजार रुपए में तस्करों को बेच दिया था। पुलिस ने किशोरी को दस्तयाब कर काउंसलिंग की तो कई मामले सामने आए। पीडि़ता के अनुसार, आरोपी मेरे जैसे कई किशोरियों और महिलाओं का सौदा कर चुके थे। बाद में शहडोल पुलिस ने अलग-अलग प्रांतों से रेस्क्यू कर 11 किशोरी और महिलाओं को बंधनमुक्त कराया था। मामले में स्थानीय दलालों सहित 7 तस्करों के खिलाफ पुलिस ने 2020 मामला दर्ज किया था। कई किशोरियां दस्तयाब हुईं थी।लॉकडाउन में टूटा नेटवर्क, फिर बढऩे लगे मामले

लॉकडाउन में आवागमन साधन न होने की वजह से मानव तस्करी से जुड़े मामले घट गए थे लेकिन अब फिर किशोरियों की तस्करी शुरू हो गई है। जनवरी 2020 से सितंबर 2020 तक 87 मामले दर्ज हुए थे। जबकि 2021 जनवरी से लेकर दिसंबर 170 अपहरण के मामले दर्ज हुए हैं। अधिकारियों की मानें तो लॉकडाउन में साधन न होने की वजह से वजह से पिछले साल अपहरण के कम मामले सामने आए थे। अब पुलिस टीम ऑपरेशन चलाकर देशभर से किशोरियों को तलाश रही है।

 

जिंदगियां बचाने हर केस में 3 से 5 हजार रुपए

कई वर्षों से गायब किशोरियों की पतासाजी में अधिकारी मैदानी अमले को प्रोत्साहन राशि दे रहे हैं। अपहरण के मामले में किशोरी को मध्यप्रदेश से दस्तयाब करने पर तीन हजार और प्रदेश के बाहर से तलाशने पर पांच हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि पुलिस टीम को दी जा रही है।

 

केस- 1

ढाई लाख रुपए में बालिका को बेचा

अनूपपुर में परिजनों ने राजस्थान में ढाई लाख रुपए में 14 वर्ष की बेटी का सौदा कर दिया था। 10 अक्टूबर 2021 को अनूपपुर पुलिस ने मानव तस्कर गिरोह के पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था। मामले में पिता की भी भूमिका थी। आरोपी अनूपपुर से बालिका को राजस्थान ले जा रहे थे तभी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पिता सहित 10 तस्करों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पूछताछ मे सामने आया था कि आरोपियों के तार छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्यप्रदेश के ग्वालियर दतिया से जुड़े हैं।केस- 2

दलाल ने दो किशोरियों का किया सौदा

शहडोल देवलोंद क्षेत्र से एक किशोरी को बहला-फुसलाकर सितंबर 2014 में तस्कर जालंधर ले गए थे। यहां पर 60 हजार रुपए में तीन लोगों ने मिलकर बेच दिया था। आरोपी घुमाने के नाम पर पहले छतरपुर ले गया था। यहां 6 माह रखने के बाद पंजाब के रामकिशोर के साथ सौदा तय कर दिया था। परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने सुराग जुटाते हुए पंजाब में दबिश देकर किशोरी को दस्तयाब किया था। तस्कर पूरन से पूछताछ में कई मामले सामने आए। बाद में एक और किशोरी को पुलिस ने दस्तयाब किया था। केस- 3

दलाल से सौदे के बाद 19 बच्चों को लेने उप्र से भेजी थी बस

तीन से पांच हजार रुपए में 19 बालक-बालिकाओं का सौदा स्थानीय दलालों ने तस्करों को कर दिया था। आदिवासी इलाकों से 19 बालक-बालिकाओं को लेने के लिए उत्तरप्रदेश से बस भेजी गई थी। तस्कर अगस्त 2021 में परिजनों को अच्छा रोजगार देने के नाम पर ले जा रहे थे। शहडोल पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 19 बालक-बालिकाओं को बंधनमुक्त कराया था। स्थानीय दलाल और तस्करों से कई सुराग पुलिस के हाथ लगे थे। बाद में अलग-अलग प्रांतों में पुलिस टीम भेजी गई थी।

केस- 4

गलत काम में धकेलने के लिए रिश्तेदार ने बालिका का पन्ना में सौदा कर दिया था। बुढ़ार थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली 10 वर्षीय बालिका के घर अजय यादव का आना जाना लगा रहता था। आरोपी ट्राफी बिस्कुट का लालच देकर ले गया और 50 हजार में बेच दिया था। बाद में पन्ना से पुलिस टीम ने दस्तयाब किया था.वर्ष दर्ज मामले

2019 205

2020 140

2021 170

 

किशोरी और महिलाओं को गांव में ही रोजगार से जोडऩे का प्रयास करेंगे। प्रशासन के साथ मिलकर स्वसहायता समूहों को और मजबूत करेंगे ताकि किशोरियों के हाथ में रोजगार हो। गांवों को चिहिंत करेंगे। किशोरियों को ज्यादा से ज्यादा सरकार की योजनाओं से जोड़ेगे, ये आर्थिक तंगी में प्रहार होगा। किशोरियों के आर्थिक सशक्त होने से इस तरह के मामलों में कमी आएगी।

-डीसी सागर, एडीजी पुलिस रेंज, शहडोल

पुलिस लगातार अभियान चला रही है। देशभर से किशोरियों को दस्तयाब भी किया है। काउंसलिंग करने के साथ तस्करों का नेटवर्क भी खंगाल रहे है। कई मामलों में बड़ी सफलता भी मिली है। मानव तस्करी से जुड़े पुराने स्थानीय दलालों पर नजर रख रहे हैं। किशोरियों को भी रोजगार से जोडऩे प्रयास कर रहे हैं।

-अवधेश गोस्वामी, एसपी शहडोल