राकेश टिकैत ने महिला पत्रकार को कह दिया ‘भूतनी, पूछा था- औरंगजेब की कब्र पर फूल चढ़ाने क्यों गए?
प्रशांत बख्शी / महाराष्ट्र
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत महाराष्ट्र में औरंगजेब की मजार पर पहुंचे थे। इसके बाद सोशल मीडिया पर उन्हें खूब ट्रोल किया गया था। किसान नेता राकेश टिकैत अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। कई बार राकेश टिकैत मजाकिया अंदाज में अपनी बात लोगों के सामने रखते हैं तो कभी-कभी वह आक्रोशित हो जाते हैं। अब किसान नेता राकेश टिकैत का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह एक महिला पत्रकार को भूतनी कह रहे हैं और महिला पत्रकार इस पर अपना विरोध भी जताती है। इसके बाद राकेश टिकैत भड़क जाते हैं।
दरअसल राकेश टिकैत से सवाल पूछा गया कि क्या आप औरंगजेब की कब्र पर फूल चढ़ाने गये थे? इस पर राकेश टिकैत ने कहा कि ‘नहीं मैं नहीं गया था। वो जहां अंतिम पलों में मरा वो एक पवित्र स्थान है। वहां पर शिव मंदिर भी है। पूरे देश में पाप कर उसने उस स्थान पर जाकर प्राण त्यागे थे।’ इस पर महिला पत्रकार ने सवाल पूछा कि आपको पता होगा कि औरगंजेब ने देश में कितने मंदिर तुड़वाए थे। इस पर राकेश टिकैत जवाब दे ही रहे थे कि महिला ने फिर सवाल पूछ लिया कि आप राजनीतिक दलों को बीमारी कहते हैं तो जनता क्या है? लोगों की प्रतिक्रियाएं: दामोदर लाल नाम के यूजर ने लिखा कि ‘चाहे जो हो महिलाओं का हमेशा सम्मान करना चाहिए न कि अपमान, शायद किसान नेता को अपने आप पर कुछ ज्यादा ही अभिमान हो गया है।’ राजा नाम के यूजर ने लिखा कि ‘सवाल किसानी और धरने का होना चाहिए ना कि औरंगजेब, मंदिर मस्जिद।’ स्वामी नाम के यूजर ने लिखा कि ‘बहुत समय बाद बोला है? हम ” भूतनी ” शब्द की कड़ी निन्दा करते हैं और मांग करते हैं कि इस शब्द को डिक्शनरी से बाहर किया जाए।’ मनोज नाम के यूजर ने लिखा कि ‘जब महिला पत्रकार किसानों को खालिस्तानी आतंकवादी बोल सकती हैं तो उनको भूतनी कहना कौन सी बड़ी बात हो गई।’ बता दें कि भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) महाराष्ट्र के औरंगजेब मजार (Aurangzeb Mazar) पर पहुंचे थे। इसके बाद सोशल मीडिया पर उन्हें खूब ट्रोल किया गया था। इसी पर राकेश टिकैत से महिला पत्रकार सवाल पूछ रही थी। गौरतलब है कि इससे पहले एक पत्रकार सम्मलेन में कुछ लोगों ने राकेश टिकैत पर स्याही फेंक दी थी। इस पर टिकैत की ओर से कहा गया था कि यह लोग सरकार से मिले हुए हैं। इस घटना के बाद कई किसान नेताओं ने टिकैत के लिए सरकार से सुरक्षा मुहैया कराने की गुहार लगाई थी।