Tuesday, November 26, 2024

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क्या आपको पता है प्लेन को हवा में ऊंचाई पर ले जाकर सो जाते हैं पायलट, जानें हवाई यात्रा से जुड़े 8 रोचक फैक्ट्स ,जरूर पढ़े न्यूज जर्नल नॉलेज के लिए

Interesting facts about Airplanes – लंबी दूरी की यात्रा करना होगा या फिर एक शहर से दूसरे शहर तक जाना, आजकल हवाई जहाज से सफर करना बहुत ही आसान हो गया है। यही वजह है कि हवाई यात्रा करने वाले लोगों की संख्या में दिन ब दिन इजाफा हो रहा है, क्योंकि यह काफी सुविधाजनक सफर होता है।लेकिन अगर आप पहली बार हवाई जहाज में सफर करने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो आपके लिए एयरलाइंस से जुड़ी अहम बातें जान लेना बेहद जरूरी है। इन अमेजिंग फैक्ट्स के बारे में हर बार हवाई सफर करने वाले यात्री भी अंजान होंगे, तो आइए जानते हैं एयरलाइंस से जुड़ी मजेदार बातें-

 

प्लेन में सो जाते हैं पायलटयह बात सुनने में अजीब और ड रावनी लगती है, लेकिन कई बार प्लेन को हवा में उड़ाते हुए पायलट झपकी ले लेते हैं। पायलट यह कारनामा ऑटो पायलट मोड के जरिए कर पाते हैं, जो पायलट के सो जाने के बाद प्लेन को कंट्रोल करने का काम करता है।हालांकि इस दौरान दूसरा पायलट जगा रहता है और प्लेन पर उसका पूरा कंट्रोल रहता है, इस तरह दोनों पायलट बारी-बारी से ऑटो पायलट मोड के जरिए कुछ देर की नींद ले लेते हैं। इस दौरान प्लेन काफी ऊंचाई पर होता है और एयर पॉकेट बनने की वजह से पायलट को नींद का एहसास होता है, इसलिए उनकी आँख लग जाती है।

 

अलग अलग होता है पायलट और पैसेंजर्स का खानाहर एयरलाइन कंपनी अपने यात्रियों को सफर के दौरान खाना सर्व करती है, लेकिन पायलट और पैसेंजर्स के खाने की प्लेट हमेशा एक जैसी नहीं होती है। दरअसल हवाई जहाज के उड़ान भरने के बाद पायटल को हल्का फुल्का और सेहतमंद भोजन परोसा जाता है, जिसे उनकी बॉडी आसानी से पचा सके।लेकिन फ्लाइट में सफर कर रहे यात्रियों को वेज और नॉनवेज समेत कई डिशज़ सर्व की जाती हैं, जो खाने में स्वादिष्ट होती हैं लेकिन सेहत के लिए फायदेमंद नहीं होती हैं। ऐसे में अगर यही खाना पायलट को परोस दिया जाए और उसे खाकर पायलट की तबीयत खराब हो जाए, तो प्लेन को सुरक्षित लैंड करवाना बहुत बड़ी चुनौती साबित होगा।कॉफी पीने से करे परहेज

अगर आप कॉफी पीने के शौकीन हैं और फ्लाइट में सफर करने दौरान भी कॉफी पीना पसंद करते हैं, तो यह आदत आपको बीमार कर सकती है। दरअसल प्लेन में इस्तेमाल होने वाले कॉफी कंटेनर को सिर्फ एक बार साफ किया जाता है, जिसके बाद वह पूरा दिन इस्तेमाल होता रहता है।

 

ऐसे में बार-बार एक ही कॉफी कंटेनर से तैयार हुई कॉफी को पीने से आपकी सेहत खराब हो सकती है। इस बात का खुलासा एक सर्वे में हुआ था, जब एयरलाइंस कंपनी ने खुद माना था कि सप्लाई एजेंट्स साफ सफाई पर खास ध्यान नहीं देते हैं। ऐसे में एक बार साफ हुए कॉफी कंटेनर को कई बार इस्तेमाल करना पड़ता है, इसलिए बेहतर है कि आप फ्लाइट में कॉफी न पीएँ।

 

15 मिनट के लिए जान बचा सकते हैं ऑक्सीजन मास्कप्लेन के हवा में उड़ान भरने से पहले एयर होस्टेस सभी यात्रियों को जरूरी सुरक्षा उपकरणों के बारे में बताती है, जिसमें से ऑक्सीजन मास्क एक है। फ्लाइट में हवा का दबाव कम होने या किसी प्रकार की एमरजेंसी के दौरान सीट के ऊपर ऑक्सीजन मास्क लटक जाते हैं।

 

इन मास्क को पहनने से यात्रियों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिलती रहती है, जिससे उन्हें सांस लेने में तकलीफ नहीं होती है। लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि प्लेन में मौजूद ऑक्सीजन माक्स सिर्फ 15 मिनट तक काम करते हैं, इसके बाद यात्रियों को ऑक्सीजन मिलनी बंद हो जाती है। ऐसे में अगर समय रहते स्थिति को संभाला न जाए, तो ऑक्सीजन की कमी से यात्रियों की मौत हो सकती है।कई बार यूज होते हैं हेडफोन्स

जब कोई व्यक्ति फ्लाइट में सफर करता है, तो यात्रा के दौरान वह बोर न हो इसलिए प्लेन में मनोरंजन की सुविधा होती है। खासतौर से इंटरनेशनल फ्लाइट में लंबा सफर होने की वजह से यात्रियों को म्यूजिक सुनने और मूवी देखने की सुविधा होती है, जिसके लिए उन्हें हेडफोन दिए जाते हैं।

 

यह हेडफोन अच्छी तरह से पैक होते हैं और उन्हें देखने पर ऐसा लगता है कि एयरलाइंस ने यात्रियों को नए हेडफोन यूज करने के लिए दिए हैं। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता है, बल्कि ज्यादातर हेडफोन्स कई बार इस्तेमाल हो चुके होते हैं। बस उन्हें दोबारा से पैक करके पैसेंजर्स को दे दिया जाता है, जिसे यूज करने से कान के इंफेक्शन का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

 

प्लेन में भी होते हैं सीक्रेट कैमरेअगर आप पहली बार हवाई सफर पर जा रहे हैं और आपका पार्टनर भी आपके साथ है, तो अपनी सीट पर बैठकर कोई भी शरारत करने से पहले इस फैक्ट को ध्यान से पढ़ लें। प्लेन में यूं तो कोई भी बाहरी कैमरा नहीं दिखाई देता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वहाँ सच में कैमरा नहीं होता है।

 

बल्कि फ्लाइट में निगरानी के लिए छिपे हुए कैमरा लगे हुए होते हैं, जो इंसान को आसानी से नजर नहीं आते हैं लेकिन वह चुपचाप अपना काम कर रहे होते हैं। ऐसे में अगर कोई यात्री छेड़छाड़ भरी हरकत करता है, तो एयर होस्टेस उन कैमरों की मदद से सब कुछ देख लेती है और यात्रियों को इसके लिए चेतावनी भी देती है।

 

शव रखने के लिए नहीं होती है जगहअगर प्लेन एक बार आसमान में उड़ान भर लेता है, तो वह एमरजेंसी सुविधाओं से भी काफी दूर हो जाता है। हालांकि फ्लाइट में किसी की तबीयत खराब होने की स्थिति में उसे प्राथमिक उपचार देने की सुविधा होती है, लेकिन अगर किसी की अचानक मौत हो जाए तो उस स्थिति में एयरलाइंस कुछ नहीं कर सकती है।

 

यहाँ तक की फ्लाइट में मृतक के शव को रखने के लिए कोई एक्स्ट्रा जगह भी मौजूद नहीं होती है, ऐसे में प्लेन की लैंडिंग तक शव को उसकी सीट पर ही रखा जाता है। वहीं ज्यादातर मामलों में शव को किसी कंबल से ढक कर एक कोने में लेटा दिया जाता है, क्योंकि प्लेन में जगह की अत्यधिक समस्या होती है।

 

सुरक्षा के लिए होती हैं धीमी लाइट्सदुनिया भर की लगभग हर फ्लाइट में डीम यानी धीमी लाइट्स होती है, जो कम रोशनी के साथ यात्रियों को सफर करने का मजा देती है। लेकिन यह धीमी लाइट्स यात्रियों सुलाने या फिर उनकी आंखों को आराम पहुँचाने के लिए नहीं होती हैं, बल्कि इनका काम पावर सप्लाई से जुड़ा होता है।

 

दरअसल कई बार लैंडिंग और टेक ऑफ के दौरान प्लेन को एक्स्ट्रा पावर की जरूरत पड़ती है, जिसकी वजह से फ्लाइट की तेज लाइट्स बंद हो जाती हैं। उन लाइट्स के बंद होने से प्लेन में बिल्कुल अँधेरा न हो जाए, इसलिए उसमें धीमी लाइट्स की सुविधा दी जाती है। यह धीमी लाइट्स यात्रियों को सुरक्षा देने के साथ-साथ कम उजाले में एडजस्ट होने में मदद करती हैं।