प्रशांत बख्शी
शिमला, 30 जून : हिमाचल प्रदेश सरकार ने परिवहन निगम की बसों में महिलाओं को किराए में 50% छूट देकर मास्टर स्ट्रोक खेला है। खास बात यह है कि देवभूमि मैं एचआरटीसी की पहली पायलट सीमा ठाकुर को भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का सारथी बनने का मौका मिला।मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर “नारी को नमन” कार्यक्रम के सभा स्थल तक बस में ही सफर कर पहुंचे थे। इस दौरान बस को सीमा ठाकुर ड्राइव कर रही थी। मुख्यमंत्री के साथ बस में ट्रांसपोर्ट मंत्री के अलावा कई वीवीआईपी यात्री मौजूद रहे। हालांकि 80 के दशक तक मंत्रियों के बसों में सफर करने के दृश्य सामान्य बात थी, लेकिन इसके बाद शायद ऐसा दृश्य सामने आया हो, जब मुख्यमंत्री ने बस में सफर किया हो। बता दें कि प्रदेश निर्माता डॉ वाईएस परमार शिमला से नाहन तक आने के लिए कई मर्तबा ट्रांसपोर्ट की बस में सफर किया करते थे। हालांकि जयराम ठाकुर का सफर छोटा था लेकिन ऐसा भी शायद पहली बार होगा होगा कि बस में मुख्यमंत्री की पायलट महिला हो। अगर सरकार की माने तो रोजाना निगम की बसों में सवा लाख महिलाएं सफर करती है। यह आंकड़ा काफी बड़ा है, ऐसे में विपक्ष भी सोचने पर मजबूर हो गया।नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने तो इसे मुफ्तखोरी से जोड़ दिया। इसका जवाब सीएम ने धर्मशाला में आयोजित कार्यक्रम में देने का प्रयास भी किया।
एचआरटीसी ने महिला पायलट सीमा ठाकुर को अप्रैल 2021 में इंटर स्टेट बस चलाने का स्टेयरिंग दिया था। पहली बार सीमा ने शिमला से चंडीगढ़ तक बस को ड्राइव किया था। इससे पहले सीमा को शिमला के भीतर ही बस चलाने की जिम्मेदारी दी गई थी। सोलन के अर्की की रहने वाली सीमा ठाकुर का बचपन से ही चालक बनने का जुनून रहा है। पायलट सीमा ठाकुर ने कोटशेरा कॉलेज से बीए के बाद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से एमए की पढ़ाई की है।
बता दें कि सीमा के पिता भी एचआरटीसी में ही चालक थे। बचपन से पिता को बस में ड्राइविंग करते देखते थी, यहीं से सीमा को भी बस चलाने की दिलचस्पी पैदा हो गई। कुल मिलाकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पहले महिला पायलट को सारथी बनाया फिर “नारी को नमन कार्यक्रम” में शिरकत की इससे संदेश साफ जाहिर था।
उल्लेखनीय है कि बस में सवार महिलाएं जमकर मुख्यमंत्री के नारे भी लगा रही थी। सीएम के चेहरे पर भी बीच-बीच में लंबी मुस्कान तैरती नजर आ रही थी।