Sunday, November 24, 2024

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#HP: मिट्टी की खुशबू ने छुड़वाई मेट्रो सिटी की चमक, 40+ शिक्षित दंपत्ति बने प्रेरक प्रसंग

प्रशांत बख्शी

मंडी, 03 जुलाई : जनपद में फिजिक्स (Physics) में पोस्ट ग्रेजुएट महिला ( Postgraduate) संजना शर्मा ने इंजीनियर पति (Engineer Husband) के साथ मिलकर स्वरोजगार में सफलता की शानदार इबारत लिखी है। ये सफलता प्रेरक प्रसंग बन गई है। जय राम सरकार की मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना( Chief Minister Swavalamban Yojana) से मिली मदद से महिला की ख्वाहिश पूरी हुई है।रत्ती, नेरचौक की संजना (43 साल) अपने पति सिद्धार्थ (47) के साथ लूणा पानी में एक शानदार रेस्टोरेंट चला रही हैं, जहां आप उत्तर और दक्षिण भारतीय लजीज व्यंजनों के साथ चाइनीज खाने का भी लुत्फ ले सकते हैं। पति व पत्नी ने बेंगलुरु ( Bangalore) से निजी क्षेत्र की नौकरी छोड़ स्वरोजगार का फैसला लिया था हैं। लाजमी तौर पर दंपत्ति ने रेस्टोरेंट (restaurant) शुरू कर ‘स्वरोजगार का स्वाद’ चखा है। फ़िलहाल रेस्टोरेंट से लागत निकाल के करीबन 80 हजार रुपये महीने की आमदनी हो रही है। उन्हें यकीन है कि जैसे- जैसे काम बढ़ेगा आमदनी भी बढ़ेगीसंजना का कहना है कि ‘हमें अपनी मिट्टी की खुशबू खींच लाई, मन में था कि अपने यहां, अपने लोगों के लिए, कुछ अपना काम करेंगे। जय राम सरकार की मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना ने हमारी ये ख्वाहिश पूरी कर दी।’ संजना शर्मा ने बताया कि सरकार से मिली मदद से हौसला बढ़ा और इस तरह उनके रेस्टोरेंट ‘दी रॉयल कैस्केड्’ की शुरुआत हुई। बातचीत में उनके चेहरे पर उभरी कृतज्ञता भरी प्रसन्नता, बरसों बाद पक्के तौर पर अपने गांव लौटने से मिली गहरी खुशी और स्वरोजगार से उपजे संतोष के भाव साफ दिख रहे थे। कुछ यूँ मिला मुकाम..

 

संजना बताती हैं कि वो बेंगलुरु में एक प्रतिष्ठित स्कूल में शिक्षक और डाइटिशियन( teacher and dietician) थीं। पति पेशे से इंजीनियर( Engineer) हैं, वे निजी क्षेत्र ( Private Sector) में काम करते थे। बच्चे बेंगलुरु में पढ़ रहे थे, लेकिन अपनी जमीन पर लौटने का ख्याल हमेशा भीतर कुलबुलाता रहता। सब छोड़ छाड़ के गांव में कोई रोजगार लगाने का विचार लगातार मन में घूमता था। लेकिन जमी जमाई नौकरी छोड़ के रिस्क लेने का हौसला नहीं हो रहा था।

 

एक दिन फिर न्यूज पेपर ( news paper) में जयराम सरकार की मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना ( Chief Minister Swavalamban Yojana) के बारे में पढ़ा। इसके भरोसे हिम्मत करने की ठानी, साल 2021 के दिसंबर में मनाली चंडीगढ़ राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर लूणा पानी में एक बड़ा हॉल किराए पर लेकर ‘दी रॉयल कैस्केड्’ ( The Royal Cascade) के नाम से रेस्टोरेंट आरंभ किया, और मेहनत, मदद और दुआओं से ये चल निकला।

 

11 लोगों को दिया रोजगार

 

संजना के पति सिद्धार्थ शर्मा बताते हैं कि उनके पास कुछ अपनी जमा पूंजी थी, बाकी उन्होंने मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना( Swavalamban Yojana) के तहत 11.50 लाख रुपये के लोन केस बनाया। विभाग से साढ़े 3 लाख रुपये का अनुदान मिला। बैंक से आसानी से ऋण प्राप्त होने के बाद एक छोटी सी लागत से रेस्टोरेंट खोला। खुद को तो स्वरोजगार मिला ही इसमें 11 अन्य लोगों को रोजगार भी दिया, जिनमें 3 स्थानीय महिलाएं भी हैं। संजना और सिद्धार्थ अब मिलकर खुशी- खुशी रेस्टोरेंट चला रहे हैं। बच्चों को मंडी व नेरचौक में स्थानीय स्कूलों में पढ़ा रहे है। बच्चे भी गांवों की आबोहवा, शांत वातावरण और अपनों के बीच के रह कर खुश हैं।

 

‘आत्मनिर्भर भारत के एक निर्माता बनें

 

’संजना शर्मा सरकार का आभार जताते हुए कहती हैं कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने युवा शक्ति के लिए बहुत अच्छी योजना आरंभ की है । यह योजना सुगमता से लोगों तक पहुंचाई जा रही है। उन्होंने पढ़े-लिखे युवाओं को संदेश देते हुए कहती हैं कि युवा नौकरी लेने वाले नहीं नौकरी देने वाले बनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत के एक निर्माता बनें।

 

जिला उद्योग केंद्र मंडी के प्रबंधक विनय कुमार बताते हैं कि हिमाचल सरकार ने साल 2018 में मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना आरंभ की थी, इसमें लोगों को स्वरोजगार लगाने के लिए सरकार की ओर से वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। विनय कुमार बताते हैं कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना में मंडी (mandi) जिले में अब तक 667 लोग को स्वरोजगार लगाने को 23.78 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है।

 

क्या कहते हैं जिलाधीश

 

जिलाधीश मंडी अरिंदम चौधरी का कहना है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के निर्देशों के अनुसार युवाओं को स्वरोजगार योजनाओं के लाभ देने के लिए लगातार काम किया जा रहा है। उद्योग विभाग की मदद से मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना में अधिक से अधिक लोगों को फायदा पहुंचाने के प्रयास किए गए हैं, ताकि युवा स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनें और देश समाज की मजबूती में सहायक हों।