Drinking Water crisis Shimla: हिमाचल की राजधानी शिमला में जलसंकट गहराया, चौथे दिन में नहीं मिल रही आपूर्ति
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शिमला शहर के कई इलाकों में चौथे दिन भी पानी नहीं मिल रहा। पीने लायक पानी के लिए भी लोगों को हैंडपंप और बावड़ियों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में गर्मी के बाद अब बरसात के मौसम में भी पेयजल के लिए मारामारी शुरू हो गई है। शहर के कई इलाकों में चौथे दिन भी पानी नहीं मिल रहा। पीने लायक पानी के लिए भी लोगों को हैंडपंप और बावड़ियों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। शहर के न्यू शिमला और खलीनी क्षेत्र में शुक्रवार को चौथे दिन भी पानी नहीं मिला। चौड़ा मैदान जोन के नाभा, फागली, टुटीकंडी, चक्कर, कच्चीघाटी, बालूगंज क्षेत्र में भी शाम 7:00 बजे तक पानी नहीं आया। इन इलाकों में चौथे दिन भी पानी न मिलने पर परेशान लोगों ने कंपनी के चौड़ा मैदान स्थित कंट्रोल रूम में फोन लगाए। लेकिन जवाब मिला कि गिरि से पानी नहीं आ रहा, टैंक खाली हो गए हैं। शहर के सेंट्रल जोन में भी मालरोड और सब्जी मंडी क्षेत्र में पानी नहीं आया। छोटा शिमला के ऐराहोम, मजीठा हाउस समेत कुछेक इलाकों में पानी तो दिया लेकिन चंद मिनट बाद ही सप्लाई बंद हो गई। संजौली के नवबहार क्षेत्र में भी देर शाम तक पानी नहीं मिला। पेयजल कंपनी के अनुसार गुरुवार रात कैचमेंट एरिया में भारी बारिश होने से गिरि में गाद आ गई है। रात से ही इस परियोजना में पंपिंग बंद है। शुक्रवार दिन भर इस परियोजना से शहर को पानी नहीं मिला है। गिरि परियोजना से शिमला शहर को रोजाना 16 से 18 एमएलडी पानी आता है। एक हफ्ते से गिरि से ज्यादातर दिन पंपिंग ठप रही है। कंपनी के अनुसार जिन इलाकों में शुक्रवार को पानी नहीं दे पाए हैं, वहां अब शनिवार को सप्लाई देंगे।शेड्यूल ध्वस्त, कई जगह मटमैला पानी
शहर में पानी देने का शेड्यूल अब पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है। कुछेक इलाकों में मटमैला पानी मिलने की भी सूचना है। गुम्मा में पंपिंग ठीक चल रही है। इससे 22 से 24 एमएलडी पानी शहर को मिल भी रहा है। लेकिन लीकेज और कुप्रबंधन के चलते जनता को इसका पानी नियमित नहीं मिल रहा।
किसको बताएं, ग्रुप से बाहर निकाल दिए
बालूगंज से पार्षद रही किरण बावा ने कहा कि चार दिन से वार्ड में पानी नहीं है। लोग पानी को तरस रहे हैं। नाभा से पूर्व पार्षद सिमी नंदा के अनुसार नाभा, फागली में शुक्रवार को चौथे दिन भी पानी नहीं मिला। कसुम्पटी से पार्षद रहे राकेश चौहान ने व्यवस्था पर सवाल उठाए। बोले कि नगर निगम ने शिकायत सुनने के लिए पहले जो सोशल मीडिया ग्रुप बनाए थे, उससे सभी को बाहर कर दिया है। अब शिकायत करें तो किससे। बोले कसुम्पटी में तीन दिन से पेड़ लटका है। कोई इसे काटने नहीं आया।
अब पीएसी से साफ करेंगे गिरि का पानी
गिरि में गाद का स्तर 8000 एनटीयू तक पहुंच गया है। आमतौर पर कंपनी 2000 एनटीयू होने पर पंपिंग शुरू कर देती है, लेकिन भारी मलबे के कारण गिरि में गाद का स्तर कम नहीं हो रहा। अब कंपनी ने पीएसी यानि पॉली एलमिनियम क्लोराइड की मदद से गाद कम करने का फैसला लिया है। इसका ट्रायल किया जा रहा है। कंपनी एजीएम सुमित सूद ने बताया कि इस फार्मूले से गाद कम करने का प्रयास किया जा रहा है। शहर के लिए बाकी परियोजनाओं से पंपिंग बढ़ाकर नियमित सप्लाई देने की कोशिश की जा रही है।