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ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (बीईई) ने देश में एसी के लिए नया स्टार रेटिंग सिस्टम लागू कर दिया है। नए नियमों के मुताबिक अब 5-स्टार रेटिंग वाला एसी 4-स्टार रह गया है। मानकों में बदलाव करने का असर एसी की इनपुट कास्ट पर पड़ेगा, जिससे एसी की कीमतों में 10% तक का इजाफा हो जाएगा।
इंडस्ट्री सूत्रों के मुताबिक, बीईई (ऊर्जा दक्षता ब्यूरो) की गाइडलाइंस का पालन करने के लिए एसी के एयरफ्लो में बढ़ोतरी और कॉपर ट्यूब के सरफेस एरिया में विस्तार करने के अलावा एनर्जी एफिसिएंट कंप्रेसर भी लगाना होगा। इसके चलते उत्पादन लागत बढ़ेगी और एसी की कीमतों में इजाफा होगा।
70 लाख एसी बिक सकते हैं
गोदरेज एंड बॉयस के वाइस प्रेसिडेंट कमल नंदी ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि स्टार रेटिंग में बदलाव होने की वजह से एसी की कीमतों में 8 से 10% की बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि इस साल रिकॉर्ड 90 लाख एसी बिकने की उम्मीद थी, लेकिन महंगाई के बीच मंदी की आशंका के कारण लोग गैर-जरूरी खर्च में कटौती कर रहे हैं और डिमांड घट गई है। ऐसे में इस साल बीते वर्षों की तरह ही लगभग 70 लाख एसी बिकने की संभावना है।
ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी नई स्टार रेटिंग जनवरी 2022 से ही लागू करने वाला था। लेकिन तब विनिर्माताओं का कहना था कि कोविड लॉकडाउन के दौरान दो वर्षों में नहीं बिके प्रोडक्ट को बेचने के लिए कुछ समय चाहिए, जिससे यह फैसला छह माह के लिए टाल दिया गया था। अब एसी की रेटिंग में अगला बदलाव 1 जनवरी 2025 से लागू होगा। वहीं, फ्रिज की मौजूदा एनर्जी रेटिंग अगले साल जनवरी में बदली जाएगी।
मेटल पिघले, पर ग्राहकों को फायदा नहीं मिला
व्हाइट गुड्स में इस्तेमाल होने वाले स्टील, एल्युमिनियम, कॉपर जैसे मेटल्स की कीमतों में बीते कुछ महीनों में 15% तक की कमी आई है। लेकिन इसका फायदा फिलहाल उपभोक्ता को नहीं मिलेगा। इंडस्ट्री सूत्रों के मुताबिक, डॉलर की तुलना में रुपए की कीमत में गिरावट आने से यह अंतर कम हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, दिसंबर-2020 से कमोडिटी की कीमतें 35% तक बढ़ी हैं, जिसकी तुलना में इंडस्ट्री ने 16-17% दाम ही बढ़ाए हैं। इसलिए फिलहाल इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की कीमतें कम नहीं होंगी।