इस धरती पर कई ऐसे रहस्य मौजूद हैं, जिनकी गुत्थी आज तक कोई नहीं सुलझा पाया. ऐसे रहस्य साइंस के लिए भी बड़ी चुनौती बने हुए हैं. दुनिया के ऐसे ही कमाल के रोचक तथ्य हैं, जिनके बारे में जानकर आपके होश उड़ जाएंगे. यह तथ्य आपके होश उड़ाने के साथ ही आपका नॉलेज भी बढ़ाते हैं. आज हम आपको ‘अजब-गजब’ की इस सीरीज में एक ऐसी ही जगह के बारे में बताने जा रहे हैं. आइए जानते हैं…
आज हम आपको एक रहस्यमयी घाटी है के बारे में बता रहे हैं. कहते हैं कि इस घाटी को आज तक कोई भी नहीं ढूंढ पाया है. अब आप कहेंगे कि जब कोई नहीं ढूंढ पाया तो हमें इसके बारे में कैसे पता है. दरअसल, एक रिपोर्ट के मुताबिक यह घाटी अरुणाचल प्रदेश और तिब्बत के बीच में कहीं पर मौजूद हैं. इस जगह को ‘शांगरी-ला घाटी’ कहा जाता है. इसकी गिनती वायुमंडल के चौथे आयाम यानी समय से प्रभावित जगहों में होती है.
बरमूडा ट्राएंगल की तरह ही रहस्यमयी है घाटी
इस घाटी को बरमूडा ट्राएंगल की तरह ही दुनिया की सबसे रहस्यपूर्ण जगह माना जाता है. बरमूडा ट्राएंगल नार्थ अटलांटिक महासागर का वो हिस्सा है, जहां से गुजरने वाले पानी के जहाज और हवाई जहाज गायब हो जाते हैं. वहीं, ‘शांगरी-ला घाटी’ के लिए कहा जाता है कि इसका सीधा संबंध दूसरे दुनिया से है. असमिया साहित्यकार अरुण शर्मा की किताब ‘तिब्बत की वह रहस्यमय घाटी’ में इसका जिक्र मिलता है. लेखक के मुताबिक एक लामा ने उन्हें बताया कि शांगरी-ला घाटी में काल का प्रभाव नगण्य है.
रहस्यमयी रोशनी का है घर
वहीं, इस घाटी का जिक्र तिब्बती भाषा में लिखी किताब ‘काल विज्ञान’ में मिलता है. तिब्बती विद्वान युत्सुंग का कहना है कि वह खुद इस रहस्यमय घाटी में जा चुके हैं. उनके मुताबिक वहां न तो सूर्य का प्रकाश था और न ही चंद्रमा, लेकिन फिर भी चारों तरफ एक रहस्यमय प्रकाश फैला रहता है.
घाटी का पता लगाने वाले ही खो गए
इस घाटी को धरती का आध्यात्मिक नियंत्रण केंद्र भी कह जाता है. वहीं, इसे सिद्धाश्रम भी कहते हैं, जिसका जिक्र हिंदू धर्म ग्रंथों महाभारत से लेकर वाल्मिकी रामायण और वेदों में भी हुआ है. जानकारी के मुताबिक चीनी फौज ने भी इस रहस्यमयी घाटी को बहुत खोजने के प्रयास किए, लेकिन सफलता नहीं मिली. कई रिपोर्ट्स बताती हैं कि दुनियाभर में जिसने भी ‘शांगरी-ला घाटी’ के राज से पर्दा उठाने की कोशिश की, उसका पता दोबारा नहीं लगा.