केन्द्र मे मोदी और सूबे की योगी सरकार ने किन्नर समाज के उत्थान की पहल करते हुए उनकी दुखती रगो पर मरहम रखने की शुरु कर दी है कवायद
जिले के पहली किन्नर को मिला प्रधानमंत्री आवास
कुशीनगर । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में दुसरे के खुशी मे शामिल होकर खुश होने वाली और लोगो की बलाए अपने सिर लेने वाली किन्नर समाज आजादी के बाद से उपेक्षा की दंश झेल रही है। पूर्व कि सरकारों ने न तो कभी इनके उत्थान के बारे मे गंभीर हुई और न ही आम लोगो की तरह इनको समानता के अधिकार के हक को दिलाने का पहल किया। सरकार की जनकल्याणकारी योजनाए इनके चौखट तक पहुते पहुते दम तोड देती थी। यही वजह है कि किन्नर समाज खुद को इस समाज से अलग-थलग कर कर लिया है। लेकिन केन्द्र मे मोदी और सूबे की योगी सरकार ने किन्नर समाज के उत्थान की पहल करते हुए उनकी दुखती रगो पर मरहम रखने की कवायद शुरू कर दी है। इसको लेकर किन्नर समाज न सिर्फ मारे खुशी से फूले नही शमा रही है बल्कि पीएम मोदी और सीएम योगी को लाख दुआएं देने मे भी कोताही नही कर रही है। बात कर रहे कुशीनगर जनपद के खड्डा कस्बे के वार्ड संख्या 4 सुभाष नगर की निवासी वन्दना किन्नर की, जिसके खुद के घर के सपने को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनकल्याणकारी योजनाओं ने साकार किया है। बेशक! किन्नर समाज, हमारे समाज के खुशियों की दुआ कर अपना पेट भरते है, परन्तु अफ़सोस लोगों के लिए दुआ करने वाले किन्नर समाज को हमारा समाज घृणा और तंजिया तौर पर देखता है। किन्नर समाज की उस अंधेरी ज़िन्दगी पर नज़र डाले तो मायूसी की कलम और घृणा के आंसू से धुंधली पड़ी हुई है,अपनो के होते हुए भी यह समाज मे बेगाने है इनका न कोई भाई-बहन है न कोई मां-बाप और ही कोई रिश्तेदार। हकीक़त तो यह है कि कोई इनके बारे में बात तक करना भी नही चाहता है, जबकि यह समाज रोज़ गले में ढोलक डाले अपनी ज़िन्दगी को खोजने निकलते हैं कि शायद नई सुबह के साथ इनकी ज़िन्दगी का भी नया आगाज़ हो। खड्डा की वन्दना किन्नर भी इसी पंक्ति मे खडी है। लेकिन आज वह खुद को अलग महसूस कर रही है उसे विश्वास हो चला है कि मोदी सरकार न सिर्फ उसका बल्कि पूरे किन्नर समाज का दिन बहुरने वाले है। हो भी क्यो नही आजादी के बाद पहली बार किसी सरकार ने उनके उत्थान के बारे मे सोचा है। पहली बार किसी सरकार ने उन्हे समाज के मुख्य धारा का अंग समझा है। कहना न होगा कि देश की आजादी के बाद वन्दना किन्नर पहली किन्नर है जिसे मोदी सरकार मे रहने के लिए छत नसीब हुआ है। टूटी-फूटी झोपडी मे गुजर-बसर करने वाली वन्दना किन्नर की हालत बद से बदतर थी। हाड कपकपाने वाली सर्द ठंड हो या चिलचिलाती धूप या फिर मुसलाधार बारिश वह टपकती झोपडी के एक कोने मे बैठकर सिर छिपाने के लिए विवश थी। लेकिन सूबे के योगी सरकार ने उसे केन्द्र की महत्वकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाकर उसकी नारकीय जिन्दगी को आम लोगो जिन्दगी की तरह खुशहाल बना दी है।
जिले के पहली किन्नर को मिला प्रधानमंत्री आवासकुशीनगर 11 नवंबर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में दुसरे के खुशी मे शामिल होकर खुश होने वाली और लोगो की बलाए अपने सिर लेने वाली किन्नर समाज आजादी के बाद से उपेक्षा की दंश झेल रही है। पूर्व कि सरकारों ने न तो कभी इनके उत्थान के बारे मे गंभीर हुई और न ही आम लोगो की तरह इनको समानता के अधिकार के हक को दिलाने का पहल किया। सरकार की जनकल्याणकारी योजनाए इनके चौखट तक पहुते पहुते दम तोड देती थी। यही वजह है कि किन्नर समाज खुद को इस समाज से अलग-थलग कर कर लिया है। लेकिन केन्द्र मे मोदी और सूबे की योगी सरकार ने किन्नर समाज के उत्थान की पहल करते हुए उनकी दुखती रगो पर मरहम रखने की कवायद शुरू कर दी है। इसको लेकर किन्नर समाज न सिर्फ मारे खुशी से फूले नही शमा रही है बल्कि पीएम मोदी और सीएम योगी को लाख दुआएं देने मे भी कोताही नही कर रही है। बात कर रहे कुशीनगर जनपद के खड्डा कस्बे के वार्ड संख्या 4 सुभाष नगर की निवासी वन्दना किन्नर की, जिसके खुद के घर के सपने को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनकल्याणकारी योजनाओं ने साकार किया है। बेशक! किन्नर समाज, हमारे समाज के खुशियों की दुआ कर अपना पेट भरते है, परन्तु अफ़सोस लोगों के लिए दुआ करने वाले किन्नर समाज को हमारा समाज घृणा और तंजिया तौर पर देखता है। किन्नर समाज की उस अंधेरी ज़िन्दगी पर नज़र डाले तो मायूसी की कलम और घृणा के आंसू से धुंधली पड़ी हुई है,अपनो के होते हुए भी यह समाज मे बेगाने है इनका न कोई भाई-बहन है न कोई मां-बाप और ही कोई रिश्तेदार। हकीक़त तो यह है कि कोई इनके बारे में बात तक करना भी नही चाहता है, जबकि यह समाज रोज़ गले में ढोलक डाले अपनी ज़िन्दगी को खोजने निकलते हैं कि शायद नई सुबह के साथ इनकी ज़िन्दगी का भी नया आगाज़ हो। खड्डा की वन्दना किन्नर भी इसी पंक्ति मे खडी है। लेकिन आज वह खुद को अलग महसूस कर रही है उसे विश्वास हो चला है कि मोदी सरकार न सिर्फ उसका बल्कि पूरे किन्नर समाज का दिन बहुरने वाले है। हो भी क्यो नही आजादी के बाद पहली बार किसी सरकार ने उनके उत्थान के बारे मे सोचा है। पहली बार किसी सरकार ने उन्हे समाज के मुख्य धारा का अंग समझा है। कहना न होगा कि देश की आजादी के बाद वन्दना किन्नर पहली किन्नर है जिसे मोदी सरकार मे रहने के लिए छत नसीब हुआ है। टूटी-फूटी झोपडी मे गुजर-बसर करने वाली वन्दना किन्नर की हालत बद से बदतर थी। हाड कपकपाने वाली सर्द ठंड हो या चिलचिलाती धूप या फिर मुसलाधार बारिश वह टपकती झोपडी के एक कोने मे बैठकर सिर छिपाने के लिए विवश थी। लेकिन सूबे के योगी सरकार ने उसे केन्द्र की महत्वकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाकर उसकी नारकीय जिन्दगी को आम लोगो जिन्दगी की तरह खुशहाल बना दी है।