Tuesday, November 5, 2024

राज्य

लखीमपुर खीरी हिंसा: आशीष मिश्रा की जमानत रद करने की मांग, यूपी सरकार बोली- सभी गवाहों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

Lakhimpur Kheri Violence: Demand for cancellation of bail of Ashish Mishra, UP government said - Tight arrangements for security of all witnesses

नई दिल्ली। लखीमपुर हिंसा मामले (Lakhimpur Kheri Case) में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) की जमानत के खिलाफ दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं के वकील दुष्यंत दवे ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को रद करने की मांग की है। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आशीष मिश्रा को जमानत दी थी। जमानत दिए जाने के बाद 15 फरवरी को उसे जेल से रिहा किया गया था। सोमवार को हुई सुनवाई के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है।
गवाहों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
सुनवाई के दौरान यूपी सरकार के वकील ने भी अपना पक्ष रखा। वकील ने कहा कि हमें शुक्रवार को एसआईटी की रिपोर्ट मिली है और इसे राज्य सरकार के पास भेजा गया है। उन्होंने आगे बताया कि हम हलफनामे पर भरोसा कर रहे हैं। हमने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जो कहा, वही कह रहे हैं। हमने एक हलफनामा दायर किया है जिसमें कहा गया है कि गवाहों को व्यापक सुरक्षा प्रदान की गई है। हमने सभी 97 गवाहों से संपर्क किया है और उन सभी ने कहा कि कोई खतरा नहीं है।
यूपी सरकार ने किया था आशीष की जमानत का विरोध
इससे पहले यूपी सरकार ने अदालत को बताया था कि उसने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका का पुरजोर विरोध किया था। यूपी की योगी सरकार ने कहा कि राज्य ने आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका का प्रभावी ढंग से विरोध नहीं किया, ये कहना गलत है।
क्या है मामला?
बता दें कि ये मामला बीते साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले का है। तिकुनिया इलाके में कुछ किसान यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध कर रहे थे। इस दौरान तेज स्पीड में एक एसयूवी कार ने कुछ किसानों को कुचल दिया था। इस घटना के बाद हिंसा भड़क गई। गुस्साए किसानों ने एक ड्राइवर और भाजपा के दो कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी थी।
आरोप है कि जिस कार से किसानों को कुचला गया, उसे आशीष मिश्रा चला रहा था। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआइटी ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी थी। एसआइटी की जांच के बाद आशीष को गिरफ्तार कर लिया गया था।