राज्य

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष की ताजपोशी से पहले बढ़ी नेताओं की धुकधुकी

धर्मशाला

कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर दिल्ली में हाई कमान के साथ सीएम सुख्खू, प्रतिभा सिंह सहित कई मंत्रियों व बरिष्ठ नेताओं की बैठकें हो चुकी हैं। हालांकि अभी तक किसी का भी नाम अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस हाइकमान ने तय नहीं किया है, लेकिन अंदर खाते सभी अपने अपने पसंदीदा नेता को ही अध्यक्ष बनाना चाहते हैं। इस लिए हिमाचल प्रदेश में भी कांग्रेस नेताओं में हलचल बढ़ गई है। इसके अलावा सीएम यह ऐलान कर चुके हैं कि मंत्रिमंडल का भी विस्तार किया जाएगा। बताया जा रहा है कि सत्ता के बावजूद चुपी साधे बैठे कुछ बरिष्ठ कांग्रेस नेता भी प्रदेश अध्यक्ष के मामले में अपना पक्ष रखते हुए दावा जता रहे हैं। ऐसे में अब सबकी निगाहें कांग्रेस हाईकमान के फैसले पर टिकी हुई हैं। करीब नौ महीने से हिमाचल में कांग्रेस बिना संगठन के चल रही है। अभी हिमाचल में पंचायतों के चुनाव भी आने वाले हैं, हालांकि पंचायत चुनाव पार्टी सिंबल पर नहीं होते हैं, लेकिन इन पंचायत चुनावों में भी भाजपा-कांग्रेस की प्रतिष्ठा दांव पर लगती है।

पंचायतों के साथ ही नगर निकाय के चुनाव होने हैं, जो सीधे तौर पर भाजपा और कांग्रेस के सिंबल पर ही होंगे। नगर निकाय चुनावों को सत्ता का सेमीफाइनल भी माना जाता है, क्योंकि नगर निकाय चुनावों के बाद प्रदेश में विधानसभा चुनावों को दो साल से भी कम समय रह जाएगा, इसलिए भी कांग्रेस अपने संगठन को जल्दी से जल्दी संगठित करने में जुट गई है। प्रदेशाध्यक्ष के ऐलान के बाद प्रदेश कार्यकारिणी, जिला कार्यकारिणी सहित पूरी टीम और दूसरे पदाधिकारियों के चयन को रास्ता साफ हो पाएगा। पिछले दिनों रोहित ठाकुर, विनय कुमार, आशीष बुटेल, विनोद सुल्तानपुरी के नाम चर्चा में चल रहे हैं, लेकिन पुराने नेताओं में आशा कुमारी, राम लाल ठाकुर और कौल सिंह सहित अन्य नेताओं का पक्ष भी महत्पूर्ण माना जा रहा है।

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