PbUttarakhand Dhami Minister उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का अलग-अलग रूप पहाड़ों में देखने को मिलता है अपने रात्रि प्रवास के दौरान जमीन पर बैठकर बुजुर्गों से उनकी समस्याओं की जानकारी लेना हो या सुबह सुबह मॉर्निंग वॉक के बहाने स्थानीय किसानों और दुकानदारों से उनकी समस्याएं जानना हो आजकल उत्तराखंड में सरकार का कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है जानकार बताते हैं कि लोगों से जुड़ने की यह कला उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीखी है जो छोटे से पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में सरकार की छवि को निखारने में अहम भूमिका निभा रहा है।
Uttarakhand Dhami Minister क्या सीएम धामी से सीखेंगे माननीय मंत्री
Uttarakhand Dhami Minister लेकिन जिस तरह से टीम धामी के कप्तान खुद मुख्यमंत्री प्रदेश में अलग-अलग जिलों के दौरे करने के दौरान अनोखे अंदाज और मिजाज में नजर आते हैं वो लोगों को पसंद आता है लेकिन कैबिनेट मंत्रियों के कार्यक्रमों में इस तरह की पहल का ना होना यह साबित करता है कि टीम धामी में अकेले कप्तान ही ताबड़तोड़ बैटिंग कर रहे हैं और बाकी के कैबिनेट मंत्री इक्का-दक्का बनाकर अपना खाता आगे बढ़ा रहे हैं
Uttarakhand Dhami Minister इसमें कोई दो राय नहीं की उत्तराखंड के कई मंत्री बीते 1 सालों में अपने ज्यादातर कार्यक्रमों मैं अपने विधानसभा क्षेत्र कोई प्राथमिकता देते रहे हैं मसूरी से लेकर ऋषिकेश और बागेश्वर से लेकर श्रीनगर तक आप जहां भी जिस मंत्री की बीते 1 साल के कार्यक्रमों की सर्विस उठाकर देख लेंगे आपको पता चलेगा यह मंत्री अपनी विधानसभाओं में उद्घाटन शिलान्यास और रोजमर्रा के कार्यक्रमों में ही ज्यादातर नजर आए जिसमें मुख्यमंत्री के अंदाज में जनता से जुड़ाव के कोई कार्यक्रम शामिल नहीं थे तो क्या यह मान लिया जाए कि अकेले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी सरकार की लोकप्रियता के लिए चौपाल होमस्टे जनसंवाद मॉर्निंग वॉक और खेती किसानी जैसे कारगर पिच पर अकेले बैटिंग कर रहे हैं और बाकी के टीम मेंबर दूसरे छोर पर अपना अपना विकेट संभालने में लगे हैं।
Uttarakhand Dhami Minister आपको बता दें कि उत्तरकाशी में मुख्यमंत्री ने अपने दूसरे दिन की शुरुआत मॉर्निंग वॉक के साथ कि जहां उन्होंने पहले स्थानीय दुकानदारों से क्षेत्रीय समस्याओं के बारे में जानकारी ली वहीं यह भी पूछा कि उनकी देहरादून से चलने वाली योजनाएं पहाड़ों में कितनी कारगर और फायदेमंद साबित हो रही है इसके बाद मुख्यमंत्री धामी खेतों में पहुंचे और मधुमेह की बुवाई के साथ ही उन्होंने अत्याधुनिक तकनीक से खेत की जुताई भी की जिसकी तस्वीरें अब उत्तरकाशी से देहरादून तक सोशल मीडिया से लेकर भाजपा के व्हाट्सएप ग्रुप में खूब देखी जा रही है
Uttarakhand Dhami Minister ग्राम सिरोर, नेताला में प्रातः काल भ्रमण पर निकले मुख्यमंत्री धामी ने ग्राम वासियों से मुलाकात कर उनका कुशलक्षेम जाना और खेतों में पावर वीडर से जुताई की , इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य में होने वाले श्रीअन्न उत्पादों को बढ़ावा देने के मकसद से ग्राम सिरोर में ‘लाइन शोइंग’ विधि से मंडुआ की बोआई
भी की।
Uttarakhand Dhami Minister मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रातः काल भ्रमण के दौरान ग्राम वासियों से मिलकर सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों का फीडबैक मिलता है। लेकिन हैरानी की बात है कि मुख्यमंत्री के लगातार इस तरह किए जा रहे जनसंपर्क का उनके मंत्रियों पर कोई प्रभाव पड़ता नजर नहीं आ रहा है अगर हम उनके कैबिनेट मंत्रियों के ज्यादातर रूटीन कार्यक्रमों की रूपरेखा को देखें तो पता चलेगा कि ज्यादातर कैबिनेट मंत्री अपनी विधानसभा क्षेत्रों तक ही सीमित रहते हैं और उद्घाटन से लेकर शिलान्यास तक अपने कार्यक्रमों को सीमित रखते हैं जिसमें मुख्यमंत्री के जैसे जन संपर्क और स्थानीय लोगों से मेल मिलाप का ऐसा कोई अवसर नजर नहीं आता है।
Uttarakhand Dhami Minister खुद भाजपा और संगठन से जुड़े लोग कहते हैं कि अगर मुख्यमंत्री की इस तरह से रोचक जन सम्पर्क के तरीके को कैबिनेट के सभी मंत्री और विधायक पालन करें तो पार्टी को लोकसभा चुनाव में ही नहीं बल्कि आने वाले तमाम चुनाव में लोगों का समर्थन बड़ी संख्या में मिल सकता है । इसके लिए अकेले कप्तान ही नहीं पूरी टीम को अपने मुख्यमंत्री से सीखने की जरूरत है। देखना होगा कि उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री अपने कप्तान की इस सुपरहिट स्ट्रेटजी पर कब और किस तरह से जनता के बीच काम करते नजर आएंगे लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं की मुख्यमंत्री की ये पारी उनकी भविष्य की जमीन मजबूत करने में अहम किरदार निभाएगी।