शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान तृणमूल विधायकों ने ममता बनर्जी के इशारे पर राज्यपाल का रास्ता रोका। उन्हें शारीरिक तौर पर धक्का दिया। वास्तव में संसदीय परंपरा का उल्लंघन इसे कहते हैं।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में बुधवार को भाजपा के दो विधायकों को सस्पेंड किए जाने के खिलाफ भी जमकर हंगामा हुआ है। सोमवार से शुरू हुए बजट सत्र के पहले दिन भाजपा के विरोध प्रदर्शन की वजह से विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी ने बुधवार को मिहिर गोस्वामी और सुदीप मुखर्जी को सस्पेंड कर दिया। इसके खिलाफ नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में बुधवार को भी भाजपा विधायकों ने जमकर नारेबाजी की। सदन के अंदर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने जय श्री राम और भारत माता की जय के नारे लगाए गए। इतना ही नहीं भाजपा विधायकों ने नरेन्द्र मोदी जिंदाबाद, भाजपा जिंदाबाद के नारे जमकर लगाए, जिसकी वजह से सदन के अंदर संशय की स्थिति बन गई थी।
शुभेंदु अधिकारी ने विधानसभा अध्यक्ष को अल्टीमेटम दिया कि जब तक विधायकों का सस्पेंशन वापस नहीं लिया जाएगा, तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा। इधर, एक बार फिर भाजपा के प्रदर्शन से नाराज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि लोकसभा में तृणमूल के सांसदों को लंबे समय तक के लिए सस्पेंड किया गया था। अगर उसमें कोई बुराई नहीं है तो विधानसभा में सस्पेंशन पर इतना हंगामा क्यों हो रहा है?
इसके जवाब में शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान तृणमूल विधायकों ने ममता बनर्जी के इशारे पर राज्यपाल का रास्ता रोका। उन्हें शारीरिक तौर पर धक्का दिया। वास्तव में संसदीय परंपरा का उल्लंघन इसे कहते हैं। इसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, जबकि भाजपा विधायकों ने लोकतांत्रिक तरीके से अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए प्रदर्शन किया तो उन्हें सजा दी जा रही है। इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा।