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स्पाइडरमैन पहुंचा सलाखों के पीछे!

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स्पाइडरमैन पहुंचा सलाखों के पीछे! पाइप से चढ़कर अट्टालिकाओं में करता था चोरी

नालासोपारा से निकलता था नशेड़ी
मुंबई के रईसों को बनाता था निशाना
मुंबई की अट्टालिकाओं (ऊंची इमारतों) में रहनेवाले रईसों की नींद उड़ानेवाले एक शातिर चोर को पवई पुलिस दबोचने में सफल हुई है, जो कि पालघर जिला स्थित नालासोपारा का रहनेवाला है। यह चोर रात के अंधेरे में फिल्मी स्टाइल में स्पाइडरमैन की तरह पाइप के रास्ते चढ़कर ऊंची इमारतों की ऊपरी मंजिल पर स्थित फ्लैटों में प्रवेश करता था और फिर चोरी की वारदात को अंजाम देकर उसी रास्ते फरार हो जाता था। एक इमारत की सातवीं मंजिल पर स्थित मकान से 26 लाख 85 हजार रुपए के गहने और नकदी की चोरी के एक मामले में पवई पुलिस महीने भर से उक्त चोर की तलाश कर रही थी। खतरनाक ढंग से चोरी करनेवाला यह चोर नशा करने के बाद नालासोपारा से ऑटोरिक्शा में मुंबई आता था।
बता दें कि मुंबई के पवई लेक के पास पवई-हिरानंदानी स्थित लेक फ्रंट सॉलिटेयर नामक इमारत की सातवीं मंजिल पर रहनेवाले हरोष जॉन कट्टुकरण 20 जुलाई की रात अपने फ्लैट में परिवार के साथ सो रहे थे। सुबह उठने पर उनकी पत्नी को हॉल की खिड़की खुली नजर आई। इसके अलावा बगलवाले कमरे में कपाट खुला था तथा सामान बिखरा पड़ा था। जांच करने पर 26 लाख 58 हजार रुपए के रत्नजड़ित आभूषण और नकदी की चोरी का खुलासा हुआ। कट्टुकरण ने जब सोसायटी के सचिव को फोन पर इसकी सूचना देने के लिए संपर्क किया तो पता चला कि उसी रात चोरों ने चौथे और ६ठीं मंजिल पर स्थित दो और प्लैटों में चोरी का प्रयास किया था, हालांकि उसमें वे सफल नहीं हो सके थे। डीसीपी अंकित गोयल व वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक विजय दलवी के मार्गदर्शन में मामले की जांच कर रही पवई पुलिस को इमारत में लगे 11 सीसीटीवी कैमरे बंद मिले। सिर्फ एक कैमरे में चोर की महज 10 सेकंड की धुंधली छवि कैद हो सकी थी। लेकिन चोर के इमारत में आने व बाहर जाने का रास्ता पुलिस के लिए पहेली बना रहा। पवई पुलिस के पीआई दिलीप धामुणसे के नेतृत्व में मामले की जांच कर रही पवई पुलिस ने लगभग महीनेभर की मशक्कत के बाद खबरियों से मिली सूचना के आधार पर नालासोपारा स्थित अलकापुरी इलाके से अजय विजय विश्वकर्मा नामक नशेड़ी को उसके साथी राधेश्याम राममूरत सोनी व अमजद अफजल खान के साथ दबोच लिया। ये तीनों 19 जुलाई की रात घूमने के बहाने ऑटोरिक्शा में मुंबई आए थे। पवई स्थित लेक फ्रंट इमारत से सटे नाले के पास स्थित पेड़ पर चढ़कर अजय इमारत में दाखिल हुआ। इमारत की पहली दो मंजिल पर स्थित पार्किंग क्षेत्र में वह सीढ़ियों से पहुंचा और वहां से गैस की पाइप के सहारे ऊपर चढ़ा। वह पहले चौथी और बाद में 6ठीं मंजिल पर स्थित फ्लैट में दाखिल हुआ था। इन फ्लैटों के हर कमरे में कोई न कोई सदस्य सो रहा था इसलिए अजय वहां चोरी नहीं कर पाया लेकिन 7वीं मंजिल पर कट्टुकरण के फ्लैट का हॉल और एक कमरा खाली था और वहां लाखों रुपए के रत्नजड़ित आभूषण और नकदी अजय के हाथ लग गई। अजय ने चोरी का माल महेंद्र तुलसीराम घांची नामक शख्स को बेचा था। पुलिस ने घांची को भी दबोच लिया। पुलिस इस मामले में करीब 24 लाख 97 हजार 500 रुपए के रत्नजड़ित आभूषण बरामद करने में सफल हुई है। बताया जा रहा है कि इस टोली ने पहले भी गोरेगांव में इसी तरह चोरी की वारदात को अंजाम दिया था।