नेहरू-एडविना के ‘राज’ : माउंटबेटन दंपती के दस्तावेजों को ‘छिपाने’ पर 6,00,000 पाउंड से अधिक खर्च
जवाहर लाल नेहरू के एडविना के साथ प्रेम प्रसंग ने देश को कितना नुकसान पहुँचाया है, अभी तक परिवार के अंधभक्त आंखें बंद किये हुए हैं। राजीव दीक्षित ने कई बार अपने प्रवचनों में विस्तार से उल्लेख करने के कारण अकाल मृत्यु का ग्रास बन गए।
एडविना माउंटबेटन और उनके पति लॉर्ड माउंटबेटन से जुड़े दस्तावेजों और पत्रों को गुप्त रखने के लिए ब्रिटेन सरकार काफी पैसा खर्च कर रही है। WION की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि माउंटबेटन और उनकी पत्नी एडविना के इन पत्रों और डायरियों को (खास कर भारत के विभाजन के आसपास) को यूके सरकार गुप्त रखना चाहती है। उसे डर है कि इसे सार्वजनिक करने से भारत विभाजन और एडविना के रिश्तों के राज सामने आ सकते हैं।
WION की रिपोर्ट में कहा गया है कि एंड्रू लोनी नाम के एक लेखक ने उन दस्तावेजों को देखने की माँग की है, मगर ब्रिटिश सरकार लेखक को उन तक पहुँचने से रोकना चाहती है। यूके सरकार को डर है कि यदि वे दस्तावेज सार्वजनिक किए गए तो वे भारत, पाकिस्तान और ब्रिटेन के बीच के संबंधों को नुकसान पहुँचा सकते हैं।
भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के साथ एडविना माउंटबेटन का ‘विशेष’ संबंध कोई रहस्य नहीं है और कई विशेषज्ञों का यह भी तर्क है कि नेहरू ने एडविना के साथ अपने संबंधों के कारण भारत के राष्ट्रीय हितों को खतरे में डाल दिया था। WION की रिपोर्ट के मुताबिक एक पत्र में एडविना ने नेहरू को लिखा था, “मुझे आपको सुबह जाते हुए देखने से नफरत है। आपने मुझे एक अजीब सी शांति के साथ छोड़ दिया। शायद, मैं आपके लिए वही लाई हूँ?” इस पर नेहरू का उत्तर था, “जीवन एक नीरस प्रकरण है।”
लेखक ने ब्रिटेन सरकार को कोर्ट में खड़ा किया
WION की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटिश सरकार उन दस्तावेजों की सुरक्षा के लिए कड़ी संघर्ष कर रही है और अब तक इन दस्तावेजों को छिपाने के लिए 600,000 पाउंड (करीब 6 करोड़ रुपए) से अधिक खर्च कर चुकी है। TOI ने बताया था कि हाल ही में एक ट्रिब्यूनल सुनवाई के दौरान, लोनियर के वकील क्लारा हैमर ने कहा कि 12 जुलाई 1947 को लॉर्ड माउंटबेटन की डायरी एंट्री से पता चला कि उन्होंने ब्रिटिश न्यायाधीश सिरिल रेडक्लिफ, सीमा आयोग के अध्यक्ष और उनके सचिव क्रिस्टोफर ब्यूमोंट के साथ रात का भोजन किया था। लेकिन अगले दिन से डायरी एंट्री को ब्रिटिश सरकार ने यह कहते हुए संशोधित किया है कि यह डिटेल भारत और पाकिस्तान के साथ ब्रिटेन के संबंधों को खतरे में डाल सकता है।