कोरोना महामारी से लड़ाई में अभी तक सरकार के कदमों का कमोबेश समर्थन कर रहे विपक्षी दल बेबस प्रवासी मजदूरों के पलायन और आर्थिक पैकेज में आंकड़ों के खेल के खिलाफ मुखर रणनीति बनाने पर संयुक्त रूप से मंथन करेंगे। करीब डेढ़ दर्जन विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं की 22 मई को इस मुद्दे पर बैठक होगी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की पहल पर विपक्षी दलों के नेताओं की प्रस्तावित इस बैठक में राष्ट्रीय आपदा कानून लागू होने की आड़ में संसदीय और लोकतांत्रिक संस्थाओं की अनदेखी के मुद्दे पर भी चर्चा होगी।
कांग्रेस सूत्रों ने सोनिया गांधी की ओर से विपक्षी नेताओं की बैठक बुलाए जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि इसमें श्रम कानूनों में विधायी प्रक्रियाओं की अनदेखी कर किए जा रहे बदलावों पर भी बात होगी, लेकिन बैठक का मुख्य एजेंड़ा 25 मार्च से चार घंटे की नोटिस पर लागू लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों का लगातार जारी दर्दनाक पलायन और आर्थिक पैकेज रहेगा।
कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रमुख रणदीप सुरजेवाला ने इसका संकेत देते हुए कहा कि विपक्षी नेताओं की बैठक को लेकर बातचीत की पहल अभी चल रही है, लेकिन इसमें कोई शक नहीं लाखों की संख्या में तपती गरमी में सैकडों-हजारों किलोमीटर पैदल गांव लौट रहे मजदूरों की दुर्दशा के लिए विपक्ष जवाबदेही का सवाल उठाए। सत्ता व्यवस्था की ओर से राष्ट्रीय विमर्श को एकतरफा दिशा में ले जाने की कोशिशों पर भी चर्चा का संकेत दिया।