-दुकान बेचने के बाद नहीं दे रहा कब्जा, पीड़ित परिवार ने दी आत्मदाह की चेतावनी
-गांव शेरनगर के प्रजापति परिवार ने जमीन बेचकर खरीदी थी भाजपा नेता से दुकान और छत
मुजफ्फरनगर। जिला पंचायत और ब्लाॅक प्रमुख चुनाव में भाजपा नेताओं पर विपक्षियों को दबाने और डराने के आरोप गाहे बगाहे लगाये जाते रहे हैं, लेकिन आज एक परिवार ने जिले के एक भाजपा नेता पर बैनामे के जरिये दुकान बेचने और पूरा पेमेंट लेने के बाद भी कब्जा नहीं देने तथा पुलिस व प्रशासन के सहारे दबाव बनाने के आरोप लगाये हैं। इस परिवार का कहना है कि उसने गांव की जमीन बेचकर भाजपा नेता से दुकान और छत खरीदी, यदि उसको दुकान और छत का मालिकाना हक नहीं दिलाया गया तो यह पूरा परिवार डीएम व एसएसपी कार्यालय पर जाकर आत्मदाह कर लेगा। पीड़ित परिवार ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से भी इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए इंसाफ दिलाने की अपील की है। शुक्रवार को नगर के एक रेस्टोरेंट में गांव शेरनगर निवासी मांगेराम प्रजापति पुत्र बलजीत सिंह ने अपने परिवार के लोगों के साथ प्रेस वार्ता की। मांगेराम ने बताया कि विजय प्रजापति भाजपा नेता है। वह भाजपा के किसी प्रकोष्ठ में पदाधिकारी भी बताता है। विजय प्रजापति की बालाजी रोड पर दुकानें हैं, इन्हीं दुकान में एक तिहाई हिस्सा खरीदने और दुकान की छत खरीदने के लिए उनका सौदा विजय प्रजापति से हुआ। मांगेराम के अनुसार इस सौदे में तीन गवाह प्रमोद प्रजापति जिलाध्यक्ष प्रजापति समाज निवासी भरतिया कालौनी, मेमपाल सिंह उद्यमी निवासी गाजावाली और सचिन प्रजापति पुत्र महेन्द्र सिंह निवासी गांधीनगर शामिल रहे। इन गवाहों के सामने ही उसने दुकान के लिए तय कीमत 15 लाख रुपये में से 13 लाख रुपये का चेक और दो लाख नगद दिये तथा छत की कीमत के रूप में 1 लाख रूपये का चेक भी दिया। एक मार्च 2021 को विजय प्रजापति ने अपनी पत्नी संतोष देवी को तहसील में ले जाकर सौदे के अनुसार बैनामा कराया, क्योंकि दुकान संतोष देवी के नाम पर ही खरीदी हुई थी। ये दोनों बैनामे मांगेराम ने अपनी पत्नी महेन्द्री देवी के नाम कराये। बैनामा होने के बाद मांगेराम संतुष्ट हो गये। विजय प्रजापति ने भी दुकान के ताले चाबी उनको सौंप दिये। दुकान में मांगेराम ने अपना सामान भरकर ताला लगा दिया। इसी बीच करीब एक सप्ताह पूर्व विजय प्रजापति द्वारा मांगेराम को अदालती नोटिस भेजा गया, जिसमें उसने आरोप लगाया है कि उसकी पत्नी संतोष देवी को बहला फुसलाकर दुकान और छत के बैनामे करा लिये गये हैं। उसने उनके ताले भी तोड़कर अपने ताले दुकान में लगा लिये हैं। उनका है कि जब वह दुकान पर गये तो वहां दूसरे ताले लगे हुए मिले, उन तालों को तोड़ने लगे तो विजय प्रजापति अपने भाई अमरपाल, बिल्लू, देव और प्रवीन आदि के साथ लाठी डंडे व तमंचे लेकर आ गया और उन पर हमला कर दिया। इस सम्बंध में उन्होंने थाने पर शिकायत दर्ज कराई। आरोप है कि विजय प्रजापति ने थाने में ही आकर उनको फर्जी मुकदमों में फंसवाने और जान से मारने की धमकी दी। भाजपा का ही एक वैश्य समाज का नेता भी विजय प्रजापति के साथ था। मांगेराम और उसकी पत्नी महेन्द्री देवी ने कहा कि उनका मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है। यदि दुकान पर मालिकाना हक उनको नहीं दिलवाया गया तो वह परिवार सहित डीएम दफ्तर के सामने आत्मदाह कर लेंगे। उन्होंने कहा कि वह अपनी बात भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और दोनों मंत्रियों के सामने भी रखेंगे।