नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को जामनगर में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के पारंपरिक चिकित्सा वैश्विक केंद्र का उद्घाटन किया। इस मौके पर मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ और डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डाक्टर टेड्रोस घेब्रेयसस, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल समेत इत्यादि नेतागण उपस्थित रहे।
इसी बीच डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने गुजराती भाषा में लोगों का हालचाल जाना। उन्होंने कहा कि केम छो मजा मा ? जिसको सुनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काफी ज्यादा प्रसन्न हो गए।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस का विशेष रूप से आभारी हूं। उन्होंने भारत की प्रशंसा में जो शब्द बोले हैं, मैं हर भारतीय की तरफ़ से उनका धन्यवाद करता हूं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने ट्रेडिशनल मेडिसिन के इस सेंटर के रूप में भारत के साथ एक नई साझेदारी की है। ये ट्रेडिशनल मेडिसिन के क्षेत्र में भारत के कंट्रीब्यूशन और पोटेंशियल दोनों का सम्मान है। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने ट्रेडिशनल मेडिसिन सेंटर के रूप में भारत के साथ एक नई पार्टनरशिप की है। ये ट्रेडिशनल मेडिसिन के क्षेत्र में भारत के कंट्रीब्यूशन और भारत के पोटेंशियल दोनों का सम्मान है। भारत इस पार्टनरशिप को पूरी मानवता की सेवा के लिए बहुत बड़ी जिम्मेदारी के रूप में ले रहा है।
इसी बीच प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज जब भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, उस कालखंड में ये जो शिलान्यास हुआ है, वो शिलान्यास आने वाले 25 साल के लिए विश्व भर में ट्रेडिशनल मेडिसिन के युग का आरंभ कर रहा है।
उन्होंने कहा कि 5 दशक से भी ज्यादा समय पहले,जामनगर में विश्व की पहली आयुर्वेद यूनिवर्सिटी की स्थापना हुई थी। यहां एक बेहतरीन आयुर्वेद संस्थान है। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन का ये ग्लोबल सेंटर वेलनेस के क्षेत्र में जामनगर को वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाई देगा। उन्होंने कहा कि भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति सिर्फ इलाज तक सीमित नहीं रही है। बल्कि ये लाइफ की एक समग्र विज्ञान है।
आर्युवेद को कहा जाता है पांचवा वेद
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आयुर्वेद में हीलिंग और ट्रीटमेंट के अलावा सोशल हेल्थ, मेंटल हेल्थ, हैप्पीनेस, एनवायरनमेंटल हेल्थ, करुणा, सहानुभूति और उत्पादकता सबकुछ शामिल है। इसलिए हमारे आयुर्वेद को जीवन के ज्ञान के रूप में समझा जाता है। उसे पांचवा वेद कहा जाता है। उन्होंने कहा कि अच्छी हेल्थ का सीधा सम्बंध संतुलित आहार से है। हमारे पूर्वज यह मानते थे कि किसी भी रोग का आधा उपचार संतुलित आहार में छिपा होता है। हमारी पारंपरिक चिकित्सा पद्वतियां इन जानकारियों से भरी हुई हैं कि किस मौसम में क्या खाना चाहिए, क्या नहीं खाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मधुमेह, मोटापा, अवसाद जैसी अनेक बीमारियों से लड़ने में भारत की योग परंपरा दुनिया के बहुत काम आ रही है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के माध्यम से योग प्रचलित हो रहा है और दुनिया भर में लोगों को मानसिक तनाव कम करने में, मन-शरीर-चेतना में संतुलन कायम करने में मदद कर रहा है।