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National Games राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस (वेटरन्स डे) के अवसर पर राजभवन में सैनिक कल्याण विभाग द्वारा आयोजित ‘‘एक शाम सैनिकों के नाम’’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने वीरता पदक विजेताओं और सराहनीय कार्य करने वाले पूर्व सैनिकों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में अर्धसैनिक बल के जवानों और अधिकारियों को राज्यपाल प्रशंसा पत्र भी प्रदान किए गए।(सूची संलग्न) कार्यक्रम में कुमांऊ स्कॉउट्स, 4वीं बटालियन असम रेजिमेंट और 14वीं राजपूताना राइफल्स को भी उनके सराहनीय योगदान के लिए यूनिट प्रशंसा पत्र से सम्मानित किया गया।
‘‘एक शाम सैनिकों के नाम’’ कृतज्ञता व्यक्त करने प्रयास – राज्यपाल National Games
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों का अनुभव और उनकी नेतृत्व क्षमता राष्ट्र की अमूल्य संपत्ति उनका जीवन अनुशासन, नेतृत्व और राष्ट्रभक्ति का अद्वितीय उदाहरण है, जो वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने भूतपूर्व सैनिकों से आग्रह किया कि वे अपने अनुभवों से समाज और देश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सहयोग करें। 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने में वे अपना योगदान दें।
इस माह लागू होगी समान नागरिक सहिंता- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड वीरभूमि के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि भारतीय सेना के गौरवमयी इतिहास में उत्तराखण्ड के हमारे वीर सैनिकों का योगदान अतुलनीय रहा है। इतिहास इस बात का साक्षी है कि हमारे वीर सपूतों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति देने में कभी कोई कसर नहीं छोड़ी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नववर्ष में 2025 के प्रथम माह में राज्य में समान नागरिक सहिंता लागू कर दी जायेगी इसके साथ ही इसी माह 28 जनवरी से राज्य में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन किया जायेगा। जिसका शुभारंभ देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगें, उन्होंने कहा कि इस आयोजन में देशभर के लगभग 10 हजार खिलाड़ी भाग लेंगे।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से इस आयोजन में आने वाले खिलाड़ियों एवं इससे जुड़े लोगों का हृदय से स्वागत करने की भी अपील की । उन्होंने कहा कि इससे पूर्व प्रदेश में आयोजित हुए जी-20 सम्मेलन में शामिल होने वाले महानुभावों को मिले सम्मान एवं आत्मीयता से देशभर में राज्य की समृद्ध परंपराओं को पहचान मिली है, हमारी अतिथि देवो भवः की परंपरा को आगे बढ़ाने में भी इससे मदद मिलेगी।