Saturday, November 23, 2024

राज्यवायरल न्यूज़

पुष्कर के जुनूनी IAS के 72 घंटे की संकल्प यात्रा शुरू

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Amazing bureaucrat एक आईएएस जो बनाता है लोकहित की नीतियां जिसके आधार पर सरकार की होती है जय जयकार … एक ब्यूरोक्रेट जिसके शार्प विजन से सिद्ध होता है राज्य सरकार का मिशन … ऐसे ही शानदार अफसरों की टीम बनाने वाली धामी सरकार में एक आईएएस का वर्क स्टाइल और जलवा देखने लायक है नाम है डॉ आर. राजेश कुमार …प्रदेश की सेहत और सरकार के सर्वोत्तम उत्तराखंड के संकल्प को साधने के लिए अब इस धाकड़ स्वास्थ्य सचिव ने संकल्प पहाड़ों के दुर्गम और सुदूर गाँव तक पहुँचने का और जनता से स्वास्थ्य सेवाओं की ज़रूरतों और सुविधाओं को पहुंचाने का … वो भी मात्र 72 घंटे में चार बड़े जिलों के तूफानी दौरे के साथ ….

 

प्रदेश के बेहतरीन ब्यूरोक्रेट हैं आर. राजेश कुमार Amazing bureaucrat

 

पिथौरागढ़…….चंपावत….अल्मोड़ा…..बागेश्वर…..मतलब उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों का दुर्गम दौरा…गांव कस्बे और मुख्यालयों में जनता से असलियत जानने और सरकार की योजनाओं का रियलिटी चेक…..और अस्पतालों की सुविधाओं और ज़रूरतों को अपनी नज़रों से परखने के लिए स्वास्थ्य सचिव डॉ आर. राजेश कुमार अपने दलबल के साथ अगले तीन दिन कुमायूं के पहाड़ों में गुज़ारेंगे। इस दौरान आयुष्मान योजना , मेडिकल कॉलेज , स्वास्थ्य शिविर , आयुष्मान भवः अभियान से जुड़ी एक्टिविटी का फील्ड मुआयना करते हुए संबंधित जिलों में मीटिंग , अस्पतालों का दौरा , स्थानीय लोगों से फीडबैक भी लेंगे। आपको बता दें कि पीएम मोदी के दौरे से पहले स्वास्थ्य सचिव का ये तूफानी दौरा बेहद अहम है।

स्वास्थ्य सचिव के रूप में गढ़वाल के कई जिलों में सख्त मॉनिटरिंग करते हुए डॉ राजेश कुमार ने जहाँ काबिल अधिकारीयों की पीठ थपथपाई तो वहीँ नाकारे डॉक्टर्स और अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही भी की है। लिहाज़ा अब इन चार प्रस्ताविक जिलों में भी बेचैनी बढ़नी लाज़मी है क्योंकि फैसला ऑन द स्पॉट लेने वाले हेल्थ सेक्रटरी जिस तरह से स्वास्थ्य सेवाओं और मरीज़ों को बेहतर सुविधाओं को देने के आदेश देते रहे हैं …

ऐसे में अगर ज़रा सी भी खामी मिली तो संबंधित चिकित्स्क या स्टाफ का नपना तय है। देखना होगा कि इस 72 घंटे के ताबड़तोड़ चार जिलों के दौरे में स्वास्थ्य सचिव किस जिले की हेल्थ सर्विस से संतुष्ट और किससे नाराज़ दिखाई देंगे लेकिन ब्यूरोक्रेट्स के ऐसे फील्ड रियलिटी चेक आम नागरिकों को व्यवस्था सुधार का भरोसा ज़रूर देते हैं।