रिचमंड (अमेरिका)।अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने अमेरिकी कंपनियों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच रूस द्वारा महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों को निशाना बनाकर साइबर हमले किए जाने की बढ़ती आशंकाओं के मद्देनजर वे अपनी खुफिया जानकारी को अभेद्य डिजिटल पद्धतियों से सुरक्षित करें। बाइडन की शीर्ष साइबर सुरक्षा सहयोगी एनी न्यूबर्गर ने सोमवार को व्हाइट हाउस के संवाददाता सम्मेलन में इस बात को लेकर चिंता जताई कि रूसी हैकरकुछ महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा संस्थाओं को निशाना बना सकते हैं, क्योंकि उन्होंने सॉफ्टवेयर में ज्ञात समस्याओं को ठीक करने के संघीय एजेंसियों के अलर्ट की अनदेखी की है।
साइबर और उभरती प्रौद्योगिकियों के लिए राष्ट्रपति की उप-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार न्यूबर्गर ने कहा, ‘‘बार-बार चेतावनी देने के बावजूद हम देख रहे हैं कि चीजों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है और ढिलाई बरती जा रही है। इससे हमलावरों के लिए यह जितना आसान होना चाहिए, उससे कहीं अधिक आसान हो जाता है।’’ संघीय सरकार पिछले महीने यूक्रेन पर आक्रमण से बहुत पहले से ही रूसी हैकरों द्वारा उत्पन्न खतरों को लेकर अमेरिकी कंपनियों को आगाह कर रही है। साइबर सुरक्षा और बुनियाद ढांचा सुरक्षा एजेंसी ने इसके लिए एक ‘‘शील्ड्स अप’’ अभियान शुरू किया है, जिसका उद्देश्य बचाव के तरीकों को पुख्ता करने में कंपनियों की मदद करना है। साथ ही कंपनियों से अपने डेटा का बैकअप लेने, मल्टीफैक्टर प्रमाणीकरण शुरू करने और साइबर सुरक्षा में सुधार के लिए अन्य कदम उठाने का आग्रह करना है।
न्यूबर्गर ने कहा कि अमेरिका के बुनियादी ढांचों को निशाना बनाकर किए जाने वाले ऐसे किसी विशिष्ट रूसी साइबर हमले की कोई खुफिया जानकारी नहीं है, लेकिन इस दिशा में गतिविधियां बढ़ी हैं, जैसे कि वेबसाइटों को स्कैन करना और कमजोरियों को लक्षित करना, जो रूसी हैकरों द्वारा आम गतिविधि है। बाइडन ने एक बयान जारी कर चेताया कि अमेरिका द्वारा लगाए गए कठोर आर्थिक प्रतिबंधों के प्रतिशोध में रूस अमेरिकी ढांचों को निशाना बनाकर साइबर हमले शुरू कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह रूस की रणनीति का हिस्सा है।’’ अमेरिका और उसके सहयोगियों ने रूसी अर्थव्यवस्था को कमजोर करने के उद्देश्य से कई प्रतिबंध लगाए हैं और बाइडन ने हाल ही में घोषणा की थी कि अमेरिका यूक्रेन की मदद के लिए अधिक विमान, अत्याधुनिक हथियार और ड्रोन भेज रहा है। साइबर सुरक्षा कंपनी मैंडिएंट में खुफिया विश्लेषण के उपाध्यक्ष जॉन हल्टक्विस्ट ने कहा, ‘‘साइबर हमले उनके लिए एक बड़ी लक्ष्मण रेखा को पार किए बिना सटीक कीमत वसूलने एक साधन हैं।’’ रूस को ‘हैकिंग पावरहाउस’ माना जाता है, लेकिन यूक्रेन पर आक्रमण करने के बाद से उसके आक्रामक साइबर हमले अपेक्षाकृत कम रहे हैं। रूस ने पिछले वर्षों में यूक्रेन के खिलाफ महत्वपूर्ण साइबर हमले किए हैं, जिसमें 2017 में विनाशकारी नोटपेट्या हमला भी शामिल है, जिससे वैश्विक स्तर पर 10 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ था।